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लालू यादव को मोहन भगवत के आरक्षण संबंधी बयान पर यकीन नहीं, सुशील मोदी बोले- विपक्ष की बेचैनी बढ़ी

लालू यादव ने कहा कि मोहन भागवत आरक्षण विरोधी है. गुरु गोवलकर ने बंच ऑफ थॉट में जो लिखा है, वह मोदी कर रहे हैं और मोहन भागवत कर रहे हैं. जन्माष्टमी के मौके पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने बांके बिहारी मंदिर में पूजा-अर्चना की.

पटना. पटना. राजद सुप्रीमो लालू यादव ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का आरक्षण को लेकर दिये गये बयान पर यकीन करना मुश्किल है. लालू यादव ने कहा कि मोहन भागवत आरक्षण विरोधी है. गुरु गोवलकर ने बंच ऑफ थॉट में जो लिखा है, वह मोदी कर रहे हैं और मोहन भागवत कर रहे हैं. जन्माष्टमी के मौके पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने बांके बिहारी मंदिर में पूजा-अर्चना की.

राम हो या रहीम हो सबका मालिक एक है

सनातन धर्म के सवाल पर लालू यादव ने कहा कि बीजेपी ढोंगी है. पगलाया हुआ है. बात पर बात बनाता है. राम हो या रहीम हो सबका मालिक एक है. लालू यादव ने कहा कि इंडिया संगठन को हमलोगों ने बनाया है इंडिया गठबंधन की बिल्कुल जीत होगी. भारत और इंडिया को लेकर छिड़े विवाद पर लालू ने कहा कि देश की स्थिति का निराकरण भगवान श्रीकृष्ण करेंगे. परमात्मा से बड़ा कोई नहीं होता.

वंचितों के वोट को लुभाने का प्रयास है भागवत का बयान

इधर, राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में दलितों एवं वंचितों के वोट को लुभाने के प्रयास के रूप में देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव को नजर में रखकर मोहन भागवत ने संविधान में दिये गये पिछड़े, दलितों और आदिवासियों के आरक्षण व्यवस्था का समर्थन किया है.

आरक्षण की व्यवस्था सिर्फ अधिकार देने के लिए ही नहीं

मोहन भागवत ने कहा है कि जब तक समाज में भेदभाव है, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए. उनका यह भी कहना है कि हमने अपनी समाज व्यवस्था में अपने साथी मनुष्यों को पिछले दो हजार वर्षों से पीछे रखा है. हमने उनकी परवाह नहीं की. उनको समानता का अधिकार देने के लिए संविधान में दिया गया आरक्षण एक उपाय है. हम उसका पूरा समर्थन करते हैं. उनके अनुसार आरक्षण की व्यवस्था सिर्फ अधिकार देने के लिए ही नहीं है, बल्कि जिनको आरक्षण मिल रहा है उनको सम्मान देने के लिए भी है.

मोहन भागवत ने 2015 में आरक्षण पर पुनर्विचार करने की बतायी थी जरूरत

शिवानंद ने कहा कि इन्हीं मोहन भागवत ने 2015 में आरक्षण पर पुनर्विचार करने की जरूरत बतायी थी. अभी दो दिन पहले इंडिया और भारत के सवाल पर भागवत ने संवैधानिक व्यवस्था के विपरीत इंडिया के स्थान पर सिर्फ भारत के प्रयोग का निर्णय सुनाया था. उनके नियमन के बाद राष्ट्रपति ने विश्व नेताओं के लिए भोज का न्योता अंग्रेजी में ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ का प्रयोग किया है.

हिंदू समाज व्यवस्था जातीय भेदभाव आधारित

सवाल हिंदू राष्ट्र का भी है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात करता है. हिंदू समाज व्यवस्था जातीय भेदभाव आधारित है. उसी व्यवस्था के तहत देश की बड़ी आबादी पीछे छूट गयी, बल्कि आबादी के हिस्से को असपृश्य करार दे दिया गया. इन सब विसंगतियों को दूर करने का प्रावधान हमारे संविधान में किया गया है. इसलिए जब तक मोहन भागवत और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश को हिंदू राष्ट्र बनाने के संकल्प को तिलांजलि नहीं देते हैं, तब तक भागवत के बयान पर यकीन करना मुश्किल है.

विपक्ष की बेचैनी बढ़ी : मोदी

पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि तिलक-टीका लगाने वाले सारे लोगों को देशद्रोही बताने वाले जगदानंद को हिंदुओं से क्षमा मांगनी चाहिए. उनका यह अनर्गल कथन लालू प्रसाद के बहुचर्चित बयान की याद ताजा करता है और साबित करता है कि राजद का ” ए टू जेड ” की पार्टी होने का तेजस्वी यादव का दावा बिल्कुल झूठा है. श्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डाॅ मोहन भागवत ने अपने ताजा संबोधन में यह कह कर राजद-जदयू जैसे दलों की बेचैनी बढ़ा दी कि समाज में असमानता रहने तक, यानी अनिश्चितकाल तक भारत में आरक्षण व्यवस्था जारी रहेगी.

जगदानंद का बयान हताशा का परिणाम

संघ, भाजपा और हिंदू धर्म के विरुद्ध जगदानंद का बयान इसी हताशा का परिणाम है. वे संघ को आरक्षण-विरोधी साबित करने में कभी सफल नहीं होंगे. भाजपा सांसद ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ऐसे गैरजिम्मेदार बयानबाजोंं का जमघट हो गया है, जिसमें हिंदू धर्म, मोदी सरनेम या गुजरात प्रांत के सभी लोगों को गाली देने की होड़ लगी है. राजद के जगदानंद और कांग्रेस के पवन खेड़ा भी इस होड़ में शामिल हो गये हैं.

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