आजमनगर प्रखंड क्षेत्र के आजमनगर सहित कई अन्य जगहों पर मुहर्रम का पर्व आपसी भाई चारे के साथ कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मनायी गयी. मुहर्रम मुस्लिम कैलेंडर का पहला महीना है. यह मुस्लिमों और उसमें भी विशेष रूप से शिया संप्रदाय के लोगों के लिए अपने शोक उद्गार का पर्व है. इस दौरान आजमनगर प्रखंड क्षेत्र में विविध रंग रूपों वाले ताजिये निकाले गये. लकड़ी बांस तथा चांदी से निर्मित और कीमती धातुओं व कागजों से सुसज्जित ताजिये हजरत इमाम हुसैन मकबरे के प्रतीक के रूप में माने जाते हैं. मुहर्रम जुलूस में इमाम हुसैन के सैन्य बल के प्रतीक स्वरूप कुछ लोग अनेक विधि शस्त्रों के साथ युद्ध की काल्पनिक कलाबाजियां प्रदर्शित भी करते देखे गये. जुलूस में शामिल लोग इमाम हुसैन के प्रति अपनी संवेदना दर्शाने के लिए बांजों पर शोक धुन बजाते हुए मर्शिया भी गाये. लोग शोकाकुल होकर आंसू बहाते हुए विलाप कर अपनी छाती पीट पीट कर याहुसैन,याहसन के आर्त स्वर से पूरे वातावरण को करुण रस से सिक्त कर रहे थे. आजमनगर दक्षिण टोला, उत्तर टोला, सुगारत टोला एवं भूतनी टोला सहित दर्जनों पंचायत के लोगों द्वारा मुहर्रम के 10वीं तारीख को शांति पूर्ण माहौल में आजमनगर कर्बला मैदान में मुहर्रम पर्व को मनाया गया.
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