बलरामपुर में नृशंस हत्या की घटना की जानकारी मिलते ही डीएम प्रकाश कुमार, एसपी छत्रनील सिंह, एएसपी छोटेलाल प्रसाद, बारसोई एसडीपीओ सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे थे. डीएम व एसपी घटना को लेकर परिजनों से भी पूछताछ की थी व एक टीम का भी गठन किया था. लेकिन मामले में आज भी पुलिस अंधेरे में ही तीर चला रही है. घटना को लेकर एसपी छत्रनील सिंह के निर्देश पर वैज्ञानिक तरीके से मामले की जांच की गयी, लेकिन यह हत्या कांड आज भी एक अनसुलझी पहेली बनी हुई है.
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हत्याकांड को सुलझाने में पुलिस नाकाम
कटिहार: जिले के बलरामपुर थाना क्षेत्र के बालूगंज टोला में एक ही परिवार के चार सदस्यों को जिंदा जला कर हत्या मामले में दो महीना बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. यह नृशंस हत्या क्यों और किसलिए हुई, इसका जवाब जिला पुलिस के पास न तब थी और न ही आज है. बलरामपुर में […]
कटिहार: जिले के बलरामपुर थाना क्षेत्र के बालूगंज टोला में एक ही परिवार के चार सदस्यों को जिंदा जला कर हत्या मामले में दो महीना बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. यह नृशंस हत्या क्यों और किसलिए हुई, इसका जवाब जिला पुलिस के पास न तब थी और न ही आज है.
हत्या एक अनसुलझी पहेली
बलरामपुर हत्याकांड के दो महीने बाद भी पुलिस व स्थानीय लोगों के लिए यह एक अनसुलझी पहेली बना हुआ है. यहां तक कि हत्या की वजह का भी पता नहीं चल पाया है. इस नृशंस हत्या के मामले में लोग तरह- तरह के कयास लगा रहे हैं. स्थानीय कुछ लोग भूमि विवाद बता रहे हैं, तो कुछ आपसी रंजिश. लेकिन स्थानीय लोग यह भी कह रहे हैं कि मृतक विद्यानंद बोसाक का किसी से झगड़ा भी नहीं था, तो फिर पूरे परिवार के साथ उसको क्यों और किसने जिंदा जला दिया.
कहते हैं एसपी
एसपी छत्रनील सिंह ने कहा कि मामले की वैज्ञानिक पद्धति से जांच करायी गयी है और भी कुछ जांच होनी बाकी है. जांच रिपोर्ट आने के बाद मामले का पटाक्षेप हो पायेगा. श्री सिंह ने कहा कि हत्याकांड को वह स्वयं मॉनेटरिंग व आवश्यक निर्देश पुलिस पदाधिकारी को देते आ रहे हैं. शीघ्र ही पुलिस को सफलता हाथ लगेगी.
क्या है मामला
बलरामपुर थाना क्षेत्र के बालूगंज टोला में 12 अप्रैल को विद्यानंद बोसाक, पत्नी नीलम अपने दो बच्चों के साथ घर में सो रहे थे. देर रात विद्यानंद बोसाक की नींद आग की तपिश व धुआं के कारण टूटी, तो देखा कि उनके घर में आग लगी हुई है. इस बीच विद्यानंद अपने कमरे से ही बचाओ का शोर करना आरंभ कर दिया. विद्यानंद अपने बच्चों को उस घर से काफी निकालने का प्रयास किया, लेकिन घर को बंद देख कर उसकी भी हिम्मत जवाब दे गयी. विद्यानंद के शोर को सुन कर उसके भाई सहित ग्रामीण विद्यानंद की मदद को लेकर पहुंचे. किसी प्रकार जलते हुए घर से बच्चों व विद्यानंद व उसकी पत्नी को निकाला गया. लेकिन तब तक दोनों बच्चे दम तोड़ चुके थे. विद्यानंद व उसकी पत्नी नीलम की भी स्थिति गंभीर थी. उसे बेहतर इलाज के लिए सिल्लीगुड़ी रेफर किया गया, जहां दो दिन बाद इलाज के क्रम में पत्नी फिर विद्यानंद ने दम तोड़ दिया. मामले को लेकर स्थानीय थाना में अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस मामले में जुट गयी थी.
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