भभुआ : सड़क हादसे के शिकार हुए युवकों के संबंध में यह भी पता चला है कि बाइक चला रहे राजेश ने कान में इयरफोन डाल रखा था. इसके चलते परैया मोड़ पर पीछे से तेज रफ्तार में आ रहे वाहन की आवाज उसे सुनायी नहीं दे पायी और पीछे से आ रहे वाहन ने उन्हें रौंद दिया. सड़क दुर्घटना में मौत के शिकार हुए राजेश व शिवमूरत के शव को जब सदर अस्पताल लाया गया, तो उस वक्त भी मृतक राजेश के कानों में हेडफोन इयरपीस लगे हुए थे. दूसरा दोनों ने सुरक्षा के लिए हेलमेट भी नहीं पहन रखा था. अगर दोनों हेलमेट पहने रहते, तो उनकी जान तो संभवतः नहीं जाती.
शिवमूरत के बच्चों के सिर से मां के बाद उठा पिता का भी साया : इधर, सड़क हादसे का शिकार हुए कटकरा गांव निवासी मृतक शिवमूरत बिंद के दो छोटे-छोटे बेटा व बेटी के सिर से मां के बाद पिता का साया भी सोमवार की मनहूस रात छीन ले गया. गौरतलब है कि शिवमूरत की पत्नी की भी साल भर पहले असामयिक मौत हो गयी थी. मंगलवार को सदर अस्पताल में जवान और कमासूत बेटे के शव पर विलाप कर रहे मृतक के पिता कैलाश बिंद ने कहा कि शिवमूरत के दो बच्चे हैं और साल भर पहले ही उसकी बहू की मौत हुई थी और आज भगवान ने बेटा भी उनसे छीन लिया. उनका कहना था कि मां की कमी झेल रहे शिवमूरत के बच्चों पर अब उनके पिता का भी साया नहीं रहा. घर के खर्च सहित उनके बच्चों का खेवनहार कौन होगा, यह भगवान ही जानता होगा.
दुर्घटनाओं का पर्याय बन चुका है परैया मोड़ : भभुआ व चैनपुर थाने क्षेत्र का बॉर्डर यानी बेतरी के समीप परैया मोड़ अब पूरी तरह से दुर्घटनाओं का पर्याय बन चुका है. इस तीखे मोड़ पर हर दो तीन महीने पर किसी न किसी की जान सड़क दुर्घटना में चली जाती है. इसके अलावे छोटी-मोटी दुर्घटना हर दो दिन पर होती है.
जिस तरह से सोमवार की देर शाम सात बजे मकान निर्माण की बात कर बाइक से लौट रहे दो राजमिस्त्री दोस्तों की मौत परैया मोड़ पर सड़क दुर्घटना में हो गयी है. इससे पहले भी दर्जनों बाइक सवार मौत के गाल में समा चुके हैं. कब किस समय दुर्घटनाओं का पर्याय बन चुका परैया मोड़ लोगों को अपने आगोश में ले लेगा, यह कहना मुश्किल है.