अरवल. जिले के शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ी पहल की जा रही है. अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के छात्रों के लिए शीघ्र ही 720 बेड का डॉक्टर भीमराव आंबेडकर प्लस टू आवासीय विद्यालय खोला जायेगा. इस विद्यालय के लिए भूमि चयन की प्रक्रिया जारी है. जमीन तय होते ही प्रस्ताव को कैबिनेट से पास कर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा. जिला कल्याण विभाग द्वारा इस विद्यालय की स्थापना की दिशा में सक्रियता दिखायी जा रही है. जिले में फिलहाल अनुसूचित जाति वर्ग के लिए एक मात्र विद्यालय है, जबकि एससी-एसटी बालकों के लिए कोई भी आवासीय विद्यालय नहीं है. बालिकाओं के लिए एकमात्र स्कूल की क्षमता मात्र 400 छात्रों की है, जो जनसंख्या के अनुपात में बेहद कम है. आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा विद्यालय यह आवासीय विद्यालय अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा. इसमें 720 छात्रों के लिए आवासीय भवन, स्मार्ट कक्षाएं, पुस्तकालय, कंप्यूटर लैब, खेल-कूद के मैदान, और अन्य सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों की व्यवस्था की जायेगी. इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है, ताकि वे अपने ही जिले में रहकर आगे बढ़ सकें. सरकार गंभीर, हर जिले में स्कूल खोलने की योजना सरकार एवं शिक्षा विभाग एससी-एसटी वर्ग के बच्चों की शिक्षा को लेकर गंभीर है. इसी क्रम में प्रत्येक जिले में ऐसे आवासीय विद्यालयों के निर्माण की योजना पर कार्य चल रहा है. बताया गया कि किसी भी प्रखंड में यदि आबादी 40 हजार से अधिक होती है, तभी वहां आंबेडकर विद्यालय खोला जा सकता है. 2011 की जनगणना के अनुसार, अरवल के किसी भी प्रखंड की आबादी इस मानक को नहीं छूती, जिससे बालकों के लिए विद्यालय नहीं खुल पाया है. क्या कहते हैं पदाधिकारी जिला में नया आंबेडकर आवासीय विद्यालय बनेगा. जमीन खोजी जा रही है. विद्यालय बनने से छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी. आरके दास, जिला कल्याण पदाधिकारी, अरवल
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