बरहट. प्रखंड क्षेत्र के तमकुलिया से भरकहुआ होते हुए कुंदर बॉर्डर तक करीब 7.3 किलोमीटर लंबाई में बन रही सड़क की गुणवत्ता को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है. करोड़ों रुपये की लागत से ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा बनवाई जा रही इस सड़क पर संवेदक द्वारा मेटल और मोरम की जगह केवल मिट्टी बिछा दी गयी है. नतीजा यह हुआ कि थोड़ी सी बारिश में ही सड़क कीचड़ में तब्दील हो गयी है, इससे राहगीरों और स्कूली बच्चों का चलना मुश्किल हो गया है. देवाचक गांव के पास की सड़क का हाल सबसे बुरा है. स्थानीय पंचायत उपमुखिया प्रकाश शर्मा समेत संजय तांती, किशोर तांती, शत्रुघ्न यादव, अशोक तांती, हीरा यादव सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि सड़क निर्माण कार्य एक माह पूर्व शुरू हुआ था, लेकिन कार्य की गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. ग्रामीणों का कहना है कि संवेदक ने चिप्स, मेटल और मोरम डालने के बजाय सड़क पर केवल मिट्टी डाल दी, जिससे सड़क पूरी तरह दलदल में बदल गयी है. ग्रामीणों ने बताया कि कीचड़ के कारण बच्चों को स्कूल जाने में भारी दिक्कत हो रही है. कई बच्चे फिसलकर घायल भी हो चुके हैं. दुर्गा पूजा से पहले ही ग्रामीणों ने संवेदक से सड़क को दुरुस्त करने की मांग की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी. ग्रामीणों का कहना है कि जब यह निर्माण कार्य विभाग के जेई और एई की देखरेख में हो रहा है, तो फिर मेटल और मोरम की जगह सिर्फ मिट्टी क्यों डाली गयी. यह साफ तौर पर विभागीय लापरवाही और संवेदक की मनमानी को दर्शाता है. बताते चलें कि यह सड़क बरहट और बरियारपुर पंचायत के दर्जनों गांवों को प्रखंड मुख्यालय से जोड़ती है. साथ ही यह सड़क लखीसराय जिला को भी जोड़ने का काम करती है. ऐसे में इस मार्ग का महत्व और भी बढ़ जाता है. इस संबंध में जब ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार से संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं थी. उन्होंने आश्वासन दिया कि संवेदक से बात कर सड़क पर जमा कीचड़ को हटवाया जायेगा और कार्य में सुधार किया जायेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

