सोनो. बहुप्रतीक्षित बरनार जलाशय योजना के निर्माण को लेकर शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों होने वाला शिलान्यास कार्यक्रम के स्थगित होने से क्षेत्र के लोगों में मायूसी है. दुर्गा पूजा के समय जब यह खबर फैली कि नीतीश कुमार 4 अक्तूबर को बटिया आएंगे और बरनार डैम निर्माण कार्य का शिलान्यास कर लोगों को संबोधित करेंगे तब लोग खुशी से झूम उठे थे. इतनी बड़ी सौगात मिलने को लेकर उत्सवी माहौल बन गया था. बरनार डैम को लेकर लोग एक दूसरे को बधाई देने लगे. लोग कह रहे थे कि अब दशकों का इंतजार खत्म होगा. शिलान्यास और जनसंवाद कार्यक्रम को लेकर तैयारियां भी अंतिम चरण में थी. तभी शुक्रवार की शाम मुख्यमंत्री के बटिया कार्यक्रम रद्द होने की खबर फैलने लगी. कार्यक्रम रद्द होने से खुशियां मायूसी में बदल गयी. बरनार जलाशय को लेकर लोग कहने लगे कि हमारे सपने आखिर कब साकार होंगे. डैम को लेकर दशकों से आ रही तमाम बाधाएं दूर करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज शिलान्यास करने वाले थे तो आखिर ऐसा क्या हुआ कि अंतिम क्षण में कार्यक्रम ही रद्द हो गया. हालांकि कहा यह जा रहा है कि खराब मौसम के कारण शिलान्यास कार्यक्रम स्थगित हुआ तो क्या हुआ अगले किसी तारीख में शिलान्यास हो जायेगा. बरनार जलाशय निर्माण को लेकर जो टेंडर हुआ और अन्य तमाम गतिविधियां हुई वह रद्द नहीं हुआ है इसलिए निराशा की बात नहीं है. बरनार डैम का निर्माण तो अब होना ही है, लेकिन कई लोगों के विश्वास अब भी हिचकोले खा रहे है. कुछ लोग कहते है कि ऐसी स्थिति कई चुनाव में देखी जा चुकी है. यह सिर्फ चुनावी बातें हो रही है. बहरहाल कुछ लोग शिलान्यास कार्यक्रम के स्थगन से हुई निराशा के बावजूद बरनार डैम को लेकर आशावादी सोच रखते हुए कहते है कि जब इस डैम निर्माण को लेकर कैबिनेट से मंजूरी मिल गयी. 2579.37 करोड़ की राशि की स्वीकृति हो गयी. टेंडर के बाद नागार्जुन कंस्ट्रक्शन को निर्माण की जिम्मेदारी मिल गयी है तब निर्माण तो अब हर हाल में होगा ही. वहीं खासकर बीते तीन चार दशकों में बरनार डैम को लेकर हुई राजनीति से उम्मीद छोड़ चुके कुछ लोग कहते हैं कि जब डैम का निर्माण कार्य तेज गति से प्रारंभ हो जाए तभी विश्वास होगा कि डैम अब बन जायेगा.
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर हो चुकी थी सभी तैयारियां
शनिवार को मुख्यमंत्री के बटिया आगमन और जनसंवाद सहित डैम निर्माण के शिलान्यास कार्यक्रम की तैयारियां लगभग पूरी हो गयी थी. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी बहुत से कार्य हो चुके थे. सिक्युरिटी और इंटेलिजेंस के लोग दो दिन पहले ही पटना से आकर अपनी तैयारी कर चुके थे. हैंठ बटिया में हैलीपेड का निर्माण भी हो गया था. हेलीपैड से थोड़ी ही दूर पर जनसंवाद कार्यक्रम हेतु जर्मन टेंट और मंच बनाने का कार्य आधे से अधिक हो चुका था. विभिन्न योजनाओं को एक साथ कार्यारंभ और लोकार्पण हेतु पट्टी बनाकर फ्रेम में लगाने का कार्य भी अंतिम चरण में था. बरनार डैम के निर्माण स्थल की साफ सफाई हो चुकी थी. शिलान्यास हेतु पट्टिका लगाने हेतु ईंट का ढांचा बन गया था. पार्किंग और सड़क सहित सभी इंतजाम लगभग पूरे कर लिए गए थे. इन सभी कार्यों को डीएम श्री नवीन द्वारा खुद उपस्थित रहकर अपनी देखरख में करवा रहे थे. मौसम प्रतिकूल होने और बारिश के बीच सभी कार्य आनन-फानन में किए गए थे. तभी शुक्रवार की शाम कार्यक्रम रद्द की सूचना मिली और सबों का उत्साह फीका पड़ गया.
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