गिद्धौर. गिद्धौर के अति प्राचीन उलाय नदी तट पर अवस्थित ऐतिहासिक दुर्गा मंदिर प्रांगण में धन वैभव की देवी मां महालक्ष्मी की पूजा-अर्चना प्रतिमा स्थापित कर की गयी. इस अवसर पर मंदिर परिसर में माता महालक्ष्मी के दर्शनाथ क्षेत्र अंतरजिला भर के श्रद्धालुओं की माता के दर्शन पूजन को लेकर भारी भरकम भीड़ उमड़ रही है, बताते चलें कि सदियों से दुर्गा पूजा उपरांत आश्विन शुक्ल पूर्णिमा तिथि की संध्या बेला में धन,वैभव, यश की देवी मां लक्ष्मी की पूजा प्रतिमा स्थापित कर प्राण प्रतिष्ठा के साथ रियासत के विद्वान पंडित के द्वारा परंपरा अनुरूप यहां करवाया जा रहा है, इस अवसर पर मां को विभिन्न प्रकार के नैवेद्य आदि का भोग लगाया गया. बतातें चले की बंगाल राज्य में जिस प्रकार मां लख्खी की पूजा सदियों से कराये जाने की परंपरा रही है, ठीक उसी प्रकार गिद्धौर चंदेल राजवंश के शासकों द्वारा अपने राज्य के आम अवाम के सुख समृद्धि शांति खुशहाली की कामना लिए धन वैभव यश कृति को लेकर बंगाल के इस पूजा का हिंदी रूपांतरण मां लक्ष्मी की पूजा यहां मनाया जाता रहा है. क्षेत्र के आम आवाम का यह मानना है कि इस मंदिर में स्थापित महालक्ष्मी मां की जो भक्त सच्चे हदय से पूजा अर्चना करता है. मां उनकी झोली धन धान्य से भर देती हैं. वहीं इस मौके पर सैंकड़ो श्रद्धालुओं ने सोमवार की रात्रि में मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना कर अपने एवं क्षेत्र वासियों के सुख समृद्धि की कामना की. इधर मेले में मनोरंजन के साधन तारामची, अमरनाथ गुफा, नाव जैसे खेल तमाशे का क्षेत्र वासी श्रद्धालुओं ने लुफ्त उठाया. वहीं लोगों ने मेले में लगे दुकानों से सामानों की भी जमकर खरीददारी की. इस दौरान महालक्ष्मी पूजा को लेकर इलाके का माहौल खुशनुमा देखा जा रहा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

