जमुई. राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर शुक्रवार को केकेएम कॉलेज जमुई में अर्थशास्त्र विभाग की ओर से आर्यभट्ट से गगनयान प्राचीन ज्ञान के अनंत संभावनाएं विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ प्रो गौरीशंकर पासवान ने कहा कि भारत की अंतरिक्ष यात्रा आर्यभट्ट के प्राचीन ज्ञान से शुरू होकर आज गगनयान की तैयारी तक पहुंच गयी है. चंद्रयान-3 की सफलता भारत की वैश्विक पहचान बन गयी है. उन्होंने कहा कि चांद-सितारों की दूरी अब भारत के कदमों में नतमस्तक है. भारत ने यह सिद्ध कर दिया है कि सीमित संसाधनों और कम बजट के बावजूद असंभव को भी संभव किया जा सकता है. अंतरिक्ष विज्ञान आत्मनिर्भर भारत का नया प्रतीक है. उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे आर्यभट्ट की तरह ज्ञान और इसरो वैज्ञानिकों की तरह परिश्रम को जीवन का उद्देश्य बनायें. भारत की अंतरिक्ष यात्रा केवल वैज्ञानिक सफलता नहीं, बल्कि राष्ट्रीय आत्मविश्वास और नवभारत के निर्माण की मजबूत नींव है. युवाओं को विज्ञान और परिश्रम के रास्ते पर चलकर नए भारत के सपने को साकार करना होगा.
वर्ष 2047 तक विकसित भारत काे लेकर संकल्पबद्ध
भारत 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश बन गया. यह ऐतिहासिक उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है. अब देश 2047 तक विकसित भारत बनने की दिशा में संकल्पबद्ध है. राजनीति शास्त्र विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ देवेंद्र कुमार गोयल ने कहा कि भारत अंतरिक्ष विज्ञान के साथ-साथ कार्यक्षमता में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है. भारत पहला देश है जो अपने प्रथम प्रयास में ही मंगल तक पहुंचा. एक साथ 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण कर भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी तकनीकी क्षमता का लोहा मनवाया है.ज्ञान ने दिशा दी, तकनीक ने गति
कार्यक्रम में वक्ता के रूप में उपस्थित प्रो सरदार राय और डॉ आमोद प्रबोधी ने कहा कि प्राचीन ज्ञान ने हमें दिशा दी है और आधुनिक तकनीक ने गति. भारत की वैज्ञानिक यात्रा आर्यभट्ट की गणनाओं से शुरू होकर चंद्रयान-3 और गगनयान तक पहुंची है, जो वैज्ञानिक दृढ़ता का जीवंत उदाहरण है. कार्यक्रम में डॉ शैलेश कुमार झा, प्रो कैलाश पंडित, कार्यालय सहायक रवीश कुमार सिंह, सुशील कुमार एवं कृष्णागिरी सहित अन्य शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया. सभी ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस को केंद्र सरकार का सराहनीय कदम बताया और इसे युवाओं में विज्ञान, नवाचार और शोध के प्रति रुचि जगाने वाला बताया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

