गिद्धौर. प्रखंड के उलाय नदी से इन दिनों रात के अंधेरे में बालू का अवैध खनन जोरों पर है. गिद्धौर थाना क्षेत्र के विभिन्न घाटों से बालू माफिया बेखौफ बालू का उठाव कर रहे हैं. जिला प्रशासन और खनन विभाग के तमाम दावों के बावजूद अवैध खनन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक, छतरपुर, गंगरा, इमली गाछ घाट, राजमहल घाट और बंधौरा घाट से हर रात दर्जनों ट्रैक्टरों पर बालू की ढुलाई होती है. रात के करीब 11 बजे से सुबह 4 बजे तक ट्रैक्टरों की गड़गड़ाहट गिद्धौर बाजार व आसपास के क्षेत्रों में गूंजती रहती है, लेकिन पुलिस प्रशासन इस पूरे मामले से अनजान बना हुआ है. ग्रामीणों ने तंज कसते हुए कहा कि या तो पुलिस को ये ट्रैक्टरों की आवाज सुनाई नहीं देती, या फिर वे जानबूझकर अनजान बने हुए हैं. रात होते ही दुर्गा मंदिर, पुराना काजवे पुल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, महुली पेट्रोल पंप के पास के ढाबों और होटलों के इर्द-गिर्द बालू तस्करों की चौपाल सजने लगती है. गिद्धौर-झाझा मार्ग पर छतरपुर गांव, गंगरा मोड़, राजमणि महाविद्यालय से स्टेशन जाने वाले चौराहे और किसान भवन के समीप तक इनका असर देखा जा सकता है. खास बात यह है कि यह सबकुछ थाना से महज कुछ दूरी पर हो रहा है. हालत यह है कि अब यह कारोबार खुलेआम और संगठित रूप से किया जा रहा है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोई सख्त कार्रवाई अब तक देखने को नहीं मिली है. इससे बालू माफियाओं के हौसले बुलंद हैं और पुलिस-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. कहते हैं खनिज विकास पदाधिकारी अवैध बालू उत्खनन पर रोक लगाने को लेकर लगातार अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान कई वाहन को जब्त भी किया गया है और मालिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. अगर इसके बावजूद भी कहीं उत्खनन किया जा रहा है तो इस पर कार्रवाई की जायेगी. केशव कुमार पासवान, खनिज विकास पदाधिकारी जमुई
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