जमुई. हत्या मामले में चार दिन पूर्व मंडल कारा भेजे गये बंदी डब्लू कुमार चौधरी की मौत मामले में शनिवार को उसके परिजनों ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया और सदर अस्पताल में जमकर हंगामा किया. परिजनों ने बताया कि डब्लू कुमार चौधरी की तबीयत नहीं बिगड़ी थी जेल में दबंग कैदियों ने पीट-पीटकर व गमछा से गला घोंटकर उसकी हत्या की है. मृतक बंदी की बहन सावित्री कुमारी ने बताया कि जिस दिन मेरा भाई मंडल कारा गया, उसी दिन मंडल कारा से 8809855964 नंबर से फोन कर पांच हजार रुपये की मांग की गयी थी. रुपये नहीं देने पर उसे रात भर बाथरूम में रखा गया था. 20 अगस्त को हमलोगों ने संतोष कुमार यादव नाम के एक कैदी के पे-फोन पर दो हजार रुपये भेजा. इसके बाद 21 अगस्त को फिर उसी मोबाइल नंबर से और तीन हजार रुपये की मांग की गयी, जिसपर हमलोगों ने एक हजार देने की बात कही, लेकिन रुपये नहीं भेज पाये. इसके बाद मेरे भाई को उन लोगों ने पीट-पीटकर अधमरा कर दिया. इसके बाद गले में गमछा लगाकर उसकी हत्या कर दी गयी.
मृतक कैदी की पीठ और गले पर थे चोट के निशान
मृतक बंदी डब्लू कुमार चौधरी के परिजनों ने बताया कि भाई की पीठ पर चोट के निशान थे जबकि गर्दन पर भी गला घोटने का निशान बना हुआ है. परिजनों ने जिले के वरीय पदाधिकारियों से इस मामले की जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की. इसके साथ ही जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगायी. बताया कि संतोष कुमार यादव ने पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी है.
शव मिलने में हुई देरी पर परिजनों ने जताया आक्रोश
मृतक बंदी डब्लू कुमार चौधरी का शव जेल प्रशासन ने शनिवार की सुबह 10 बजे तक परिजन को नहीं सौंपा. इसके कारण परिजन काफी आक्रोशित हो गये. परिजनों ने बताया कि शुक्रवार की रात दस बजे से हमलोग सदर अस्पताल पहुंचे और अभी तक हमलोगों को मृतक का शव देखने तक नहीं दिया गया है. एक तो मेरे भाई की जेल में हत्या कर दिया गया है और भाई के शव को भी जेल प्रशासन द्वारा बंदी बनाकर रखा है. परिजनों ने इस हत्याकांड में जेल प्रशासन की भी मिलीभगत बताते हुए कहा कि जब शव का पोस्टमार्टम रात में ही कर दिया गया तो अब तक परिजनों को क्यों नहीं सौंपा जा रहा है. हंगामा की सूचना मिलते ही जेल प्रशासन व सदर थाना की पुलिस द्वारा कागजी प्रक्रिया पूरी कर शव परिजन को सौंप दिया गया.
बोले डीएम
मामला मेरे संज्ञान में आया है, लेकिन मृतक बंदी के परिजनों द्वारा किसी भी तरह का आवेदन अब तक नहीं दिया गया है. आवेदन देने पर मामले की जांच की जायेगी. दोषी पाये जाने पर आवश्यक कार्रवाई की जायेगी.
श्रीनवीन , जिलाधिकारी, जमुई
मंडल कारा से फोन कर मांगी जा रही रंगदारी, जेल प्रशासन मौन
जमुई. जमुई मंडल कारा में सजा काट रहे दबंग कैदियों द्वारा जेल में आये नये कैदियों और उसके परिजनों से फोन पर रंगदारी मांगा जाना जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है. जेल से रंगदारी मांगने का ये कोई नया मामला नहीं है. इससे पूर्व भी जेल में बंद कैदियों द्वारा फोन कर रंगदारी मांगने का मामला सामने आ चुका है. लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि आखिर जेल में बंद कैदियों के पास मोबाइल आता कहां से है, या यूं कहें की जेल प्रशासन की मिलीभगत से ही ये सब खेल चल रहा है. सूत्रों की मानें तो जेल में सजा काट रहे दबंग कैदियों को मोबाइल सहित अन्य नशीले पदार्थों को जेल प्रशासन द्वारा ही कुछ रुपये लेकर मुहैया कराया जाता है. इसके बावजूद जिले के वरीय पदाधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किये जाने के कारण इन लोगों का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

