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IIT-NIT Admission: काउंसेलिंग शेड्यूल जारी, जानें रैंक के अनुसार कौन सी संस्थान व ब्रांच मिलने की है संभावना

स्टूडेंट्स में रैंक के आधार पर किस आइआइटी में कौन सी ब्रांच मिल सकेगी, इसको लेकर उत्सुकता बढ़ गयी है. एलन कैरियर इंस्टीट्यूट के कैरियर काउंसेलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि जिनकी ऑल इंडिया रैंक 100 से कम है, उन्हें आइआइटी बॉम्बे, दिल्ली, कानपुर, मद्रास में कंप्यूटर साइंस मिलने की संभावना है.

पटना: जेइइ एडवांस्ड-2023 का रिजल्ट जारी होने के साथ ही स्टूडेंट्स में रैंक के आधार पर किस आइआइटी में कौन सी ब्रांच मिल सकेगी, इसको लेकर उत्सुकता बढ़ गयी है. एलन कैरियर इंस्टीट्यूट के कैरियर काउंसेलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि जिनकी ऑल इंडिया रैंक 100 से कम है, उन्हें आइआइटी बॉम्बे, दिल्ली, कानपुर, मद्रास में कंप्यूटर साइंस मिलने की संभावना है. स्टूडेंट्स की फर्स्ट च्वाइस देखें, तो आइआइटी बॉम्बे में सीएस ब्रांच रहती है, जो टॉप-61 पर बंद हो जाती है. इसके बाद दूसरी प्राथमिकता आइआइटी, दिल्ली में सीएस को स्टूडेंट देते हैं. तीसरी प्राथमिकता में आइआइटी, कानपुर और मद्रास की कंप्यूटर साइंस ब्रांच को दी जाती है.

100 से 1000 रैंक वालों को मिल सकते हैं ये कॉलेज 

  • 100 से 500 बीच रैंक वालों को आइआइटी, दिल्ली व कानपुर की एमएनसी, उपरोक्त चारों आइआइटी की इलेक्ट्रिकल और खड़गपुर की सीएस ब्रांच मिल सकती है.

  • 500 से 1000 के बीच रैंक वालों को आइआइटी, बीएचयू, रुड़की, हैदराबाद व गुवाहाटी में सीएस और मुंबई, दिल्ली व कानपुर की कोर ब्रांच मिलने की संभावना है.

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1000 से 8000 रैंक वालों को इन कॉलेजों में एडमिशन का मिल सकता है मौका

  • 1000 से 4000 के मध्य रैंक प्राप्त करने वालों को आइआइटी, गांधीनगर, इंदौर, रोपड़, मंडी, जोधपुर, धनबाद, पटना, भुवनेश्वर में कंप्यूटर साइंस और बॉम्बे, दिल्ली, कानपुर, खड़गपुर में मेकैनिकल, कैमिकल, सिविल, एयरोस्पेस, प्रोडक्शन आदि मिलने की संभावना रहती है.

  • 4000 से 8000 के मध्य रैंक वालों को आइआइटी, रूड़की, गुवाहाटी, खड़गपुर, हैदराबाद, बीएचयू में सिविल, केमिकल, मेटलर्जी और बॉम्बे, दिल्ली, कानपुर, मद्रास में लोअर ब्रांचेंज, पलक्कड़, तिरुपति, गोवा, धाड़वाड़, भिलाई व जम्मू में सीएस मिलने की संभावना बन सकती है.

8000 से 17 हजार वालों के लिए खुल सकता है इन कॉलेजों का दरवाजा 

  • 8000 से 12000 के मध्य रैंक प्राप्त करने वालों को आइआइटी, रोपड़, मंडी, इंदौर, गांधीनगर, जोधपुर, भुवनेश्वर, पटना, धनबाद में कोर ब्रांच के अतिरिक्त अन्य ब्रांचों के साथ-साथ पुराने सात आइआइटी में बॉयलोजिकल साइंस, नेवल आर्किटेक्चर, माइनिंग इंजीनियरिंग, पॉलीमर साइंस, सिरेमिक इंजीनियरिंग जैसी ब्रांचें मिलने की संभावना रहती है.

  • 12 से 17 हजार के बीच रैंक प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स को नयी आइआइटी जैसे पलक्कड़, तिरुपति, गोवा, धाड़वाड़, भिलाई, जम्मू की अन्य ब्रांचें मिलने की संभावना रहती है.

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आइआइपीइ विशाखापट्टनम, राजीव गांधी पेट्रोलियम, आइआइएसइआर मिलने की संभावना

उपरोक्त रैंक पर आइआइटी की ब्रांच मिलने की संभावनाएं कैटेगरी अनुसार परिवर्तित होती है. साथ ही छात्राओं को दिये गये 20 प्रतिशत फीमेल पूल से उपरोक्त आइआइटी में ब्रांच मिलने की संभावनाएं काफी पीछे के रैंक तक बन जाती है. आहूजा ने बताया कि ऐसे विद्यार्थी, जिनकी जेइइ एडवांस्ड ऑल इंडिया रैंक काफी पीछे है, उन्हें जेइइ एडवांस्ड के आधार पर आइआइपीइ विशाखापट्टनम, राजीव गांधी पेट्रोलियम, आइआइएसइआर, आइआइएसटी में आवेदन के विकल्प उपलब्ध हैं. इन सभी संस्थानों की आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

काउंसलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन आज से

आइआइटी-एनआइटी की काउंसलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन 19 जून से शुरू हो जायेगी. 23 आइआइटी, 32 एनआइटी, 26 ट्रिपलआइटी, 33 जीएफटीआइ की 54477 सीटों पर प्रवेश के लिए जोसा काउंसेलिंग 19 जून को सुबह 10 बजे से शुरू होगी. इस काउंसेलिंग प्रक्रिया के माध्यम से 23 आइआइटी की 16598, 32 एनआइटी की 23994, 26 ट्रिपलआइटी की 7176 और 35 जीएफटीआइ की 6509 सीटों पर एडमिशन दिया जायेगा.

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छह राउंड में काउंसेलिंग

काउंसेलिंग प्रक्रिया छह राउंड में संपन्न होगी. विद्यार्थियों को 19 से 28 जून के मध्य रजिस्ट्रेशन और च्वाइस फिलिंग करनी होगी, जिसमें उपरोक्त कुल 116 संस्थानों की 700 से अधिक ब्रांचों को प्राथमिकता सूची में भरना होगा. यह संपूर्ण काउंसेलिंग प्रक्रिया 28 जुलाई तक चलेगी.

ऐसे करें च्वाइस फिलिंग

आहूजा ने बताया कि स्टूडेंट्स को च्वाइस फिलिंग का अवसर एक बार ही दिया गया है, इसलिए विद्यार्थी ज्यादा-से-ज्यादा कॉलेजों के विकल्प को अपनी प्राथमिकता के घटते क्रम में भरें. स्टूडेंट्स पिछले वर्षों में कॉलेजों के ओपनिंग व क्लोजिंग रैंक को देखते हुए कॉलेजों को चुनने के ट्रेंड का अनुमान लगा सकते हैं. स्टूडेंट्स रैंक के अनुसार गत वर्षों के क्लोजिंग रैंक से नीचे के रैंक वाले कॉलेज ब्रांचों को भी अपनी रुचि अनुसार कॉलेज प्राथमिकता सूची के क्रम में शामिल करें. जोसा काउंसलिंग में कॉलेजों को भरने से पूर्व अपनी प्राथमिकता के कॉलेजों की सूची कागज पर बनाकर उसका आकलन कर ही ऑनलाइन भरें, ताकि गलती होने की संभावना न रहे. स्टूडेंट्स को कॉलेज च्वाइस लॉक करने से पूर्व अवश्य पूर्ण चेक करें क्योंकि लॉक करने के बाद उसमें बदलाव संभव नहीं होगा.

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