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नालंदा में फाइलेरिया की दवा खाने से दर्जनों बच्चों की तबीयत बिगड़ी, स्कूल में मचा हड़कंप, चल रहा इलाज

नालंदा जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम बुधवार से शुरू हो गई. यह अभियान छह अक्टूबर तक सभी प्रखंडों में चलाया जायेगा. इसी क्रम में अस्थावां प्रखंड स्थित अकबरपुर प्राइमरी विद्यालय के बच्चों की तबीयत दवा खाने की वजह से बिगड़ गई.

नालंदा जिले के अस्थावां प्रखंड स्थित अकबरपुर प्राइमरी विद्यालय में बुधवार को अलबेंडाजोल और फाइलेरिया की दवा खाने से डेढ़ दर्जन से अधिक बच्चे बीमार हो गए. दवा खाने के बाद बच्चों ने उलटी व पेट में दर्द होने की शिकायत की. इसके बाद स्कूल व अस्पताल मे परिजनों ने जमकर हंगामा किया.

आशा कार्यकर्ता ने बच्चों को खिलाई थी दवा

प्राइमरी विद्यालय के प्रधानाध्यापक शिवधर पासवान ने बताया कि सरकार द्वारा बुधवार को विद्यालय के बच्चों को कृमि व फाइलेरिया की दवा खिलायी गई है. आशा कार्यकर्ता के द्वारा विद्यालय के बच्चों को दवा खिलायी गयी. दवा खाने के बाद लगभग आधे घंटे के बाद लगभग डेढ़ दर्जन बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी तो आशा कार्यकर्ता को कहा गया कि बच्चों को पेट में दर्द व उल्टी हो रही है. मेडिकल टीम को बुलायें. इस बीच बच्चों को इलाज के लिए शीघ्र ही अस्थावां रेफरल अस्पताल लाया गया. जहां चिकित्सकों ने बच्चों का इलाज किया.

खाली पेट बच्चों को दी गई दवा

हेडमास्टर ने बताया कि बच्चों को डीईसी की दो गोली तथा कृमि की एक गोली खिलानी है. उन्होंने कहा कि पांच वर्ष के उपर के बच्चों को ये दवा खिलायी गयी है. बच्चों को यह दवा खाना खाने के बाद खिलानी है .लेकिन खाना खाने के पहले ही दवा खिलायी गयी है . इसी को लेकर बच्चों के पेट में दर्द व उलटी होने लगी है. चिकत्सकों ने बताया कि सभी बच्चों का इलाज कर उन्हें पेट दर्द व बुखार की दवा दी गई और परिजनों के हवाले कर दिया गया है.

परिजनों ने किया हंगामा

बच्चों की तबीयत बिगडने की खबर जब परिजनों को मिला तो आक्रोशित परिजनों ने स्कूल के प्रधानाध्यापक पर आरोप लगाते हुए कहा कि आप ही दवा खिलाए हैं . इसके बाद आक्रोशित परिजनों ने रेफरल अस्पताल में बच्चों को बेड पर नहीं देखा फर्श पर बच्चे को देख आक्रोशित परिजनों ने हंगामा किया. इसकी सूचना अस्थावां थाने को मिली. स्थानीय थाने की पुलिस ने परिजनों को समझाया बुझाया. तब जाकर आक्रोशित परिजन शांत हुए.

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सभी लोग आगे आकर खाएं फाइलेरिया से बचाव की दवा : सिविल सर्जन

इधर पूरे नालंदा जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम बुधवार से शुरू हो गई. यह अभियान छह अक्तूबर तक सभी प्रखंडों में चलाया जायेगा. बिहारशरीफ स्थित उर्दू प्राथमिक विद्यालय, गगनदीवान से सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह व जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. राममोहन सहाय ने फाइलेरिया की दवा का सेवन कर अभियान की शुरुआत की. इस अवसर पर सिविल सर्जन ने कहा कि अभियान को सफल बनाने के लिए सभी आगे आकर फ़ाइलेरिया की दवा का सेवन करें और अपने आस पड़ोस के लोगों को दवा खाने के लिए प्रेरित करें. इस अवसर पर स्वास्थ्यकर्मियों के साथ सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे.

14.53 लाख लक्षित आबादी को दवा खिलाने का लक्ष्य

इस अवसर पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. राममोहन सहाय ने बताया कि जिले में कुल 14,53,300 लोगों को फ़ाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए 685 टीम गठित की गयी है. कुल 70 पर्यवेक्षक अभियान के दौरान दवा खिलाने वाली टीम का सुपरविजन करेंगे. डा. राममोहन सहाय ने बताया कि फाइलेरिया पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जिले में 17 दिवसीय अभियान के तहत 2 साल से अधिक सभी लोगों को फाइलेरिया की दोनों दवा खिलाई जाएगी. 2 साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं एवं गंभीर रूप से पीड़ित लोगों को यह दवा नहीं खिलाई जाएगी. उन्होंने बताया कि अभियान को सफल बनाने हेतु आशा एवं आंगनबाड़ी घर-घर जाकर लक्षित समुदाय को फाइलेरिया की दवा खिलाएगी. साथ ही आशा एवं आंगनबाड़ी यह सुनिश्चित करेंगी कि उनके सामने ही लोग दवा का सेवन करें. उन्होंने इस अभियान की सफलता में मीडिया की अहम भूमिका बताई. उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम से इस अभियान को जन आंदोलन का रूप दिया जा सकता है. अखबारों और पोर्टल के जरिए जिले की बड़ी आबादी को जागरूक करते हुए उन्हें दवा खाने के लिए प्रेरित किया जा सकता है.

फाइलेरिया की दवा का सेवन सभी के लिए लाभप्रद

डॉ. सहाय ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर रोग है7 जिसे फाइलेरिया की दवा सेवन से ही बचा जा सकता है. कभी-कभी फाइलेरिया के परजीवी शरीर में होने के बाद भी इसके लक्षण सामने आने में वर्षों लग जाते हैं. इसलिए फाइलेरिया की दवा का सेवन सभी लोगों के लिए लाभप्रद है. उन्होंने बताया कि आम लोग खाली पेट दवा का सेवन नहीं करें. कभी-कभी खाली पेट दवा खाने से भी कुछ समस्याएं होती हैं. आम लोगों में फाइलेरिया की दवा सेवन के साइड इफेक्ट के बारे में कुछ भ्रांतियां हैं, जिसे दूर करने की सख्त जरूरत है. फाइलेरिया की दवा सेवन से जी मतलाना, हल्का सिर दर्द एवं हल्का बुखार हो सकता है जो शरीर में मौजूद फाइलेरिया के परजीवी के मरने के ही कारण होता है.

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