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अगले साल तक बन जायेगी भारत-नेपाल सीमा सड़क, बिहार के इन सात जिलों को होगा लाभ

राज्य में भारत-नेपाल सीमा के समानांतर दो लेन सड़क अगले साल तक बनकर तैयार हो जायेगी. यह सड़क पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जिले से होकर गुजरेगी.

पटना. राज्य में भारत-नेपाल सीमा के समानांतर दो लेन सड़क अगले साल तक बनकर तैयार हो जायेगी. यह सड़क पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जिले से होकर गुजरेगी.

सीमा ऐसे में यह सड़क सामरिक और यातायात को लेकर महत्वपूर्ण है. पहले इसकी समय- सीमा 31 दिसंबर, 2022 थी. सीएम नीतीश कुमार ने इस परियोजना का 10 जनवरी , 2019 को हवाई सर्वेक्षण और 22 जनवरी, 2019 को समीक्षा के बाद मार्च 2022 तक पूरा करने का निर्देश दिया है. इस परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है. वहीं 31 दिसंबर, 2021 तक करीब 230 किमी की लंबाई में सड़क का निर्माण पूरा कर इस पर आवागमन शुरू करने की संभावना है.

सूत्रों के अनुसार इस सड़क को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 552.29 किमी की लंबाई में बनाने की मंजूरी दी है. इसकी लागत करीब 3262 करोड़ रुपये है. इस सड़क परियोजना में करीब 13 पुल और 852 पुलिया होंगे.

इस सड़क की कुल लंबाई 729 किमी है, लेकिन करीब 177 किमी पहले से ही एनएच-104 का हिस्सा है. ऐसे में करीब 552 किमी नयी दो लेन सड़क का बनायी जा रही है. हालांकि, राज्य सरकार ने केंद्र से इसे भविष्य में फोरलेन बनाने की मंजूरी देने का अनुरोध किया है.

कहां से कहां तक जायेगी सड़क

पथ निर्माण विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भारत-नेपाल सीमा सड़क पश्चिम चंपारण में मदनपुर से शुरू होगी. वहां से पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल, सीतामढ़ी जिले के बैरगनियां, सोनवर्षा से होकर मधुबनी जिले के जयनगर तक जायेगी.

वहां से सुपौल जिले के बीरपुर से होकर अररिया जिले में सकटी होते हुए किशनगंज जिले में गलगलिया तक जायेगी. इस सड़क के बनने से सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास होगा.

posted by ashish jha

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