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घाटकोसुंभा प्रखंड को बाढ़ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग तेज

घाटकोसुम्भा प्रखंड को जलजमाव क्षेत्र की जगह बाढ़ग्रस्त घोषित करने की मांग को लेकर बाढ़ पीड़ित युवा मोर्चा की ओर से प्रखंड मुख्यालय के मुख्य सडक पर हस्ताक्षर अभियान का शुरुआत किया गया. घाटकोसुंभा मुख्यालय से शुरू हुआ

शेखपुरा. घाटकोसुम्भा प्रखंड को जलजमाव क्षेत्र की जगह बाढ़ग्रस्त घोषित करने की मांग को लेकर बाढ़ पीड़ित युवा मोर्चा की ओर से प्रखंड मुख्यालय के मुख्य सडक पर हस्ताक्षर अभियान का शुरुआत किया गया. घाटकोसुंभा मुख्यालय से शुरू हुआ यह अभियान प्रखंड के सभी गांवों में चलाया जाएगा. हस्ताक्षर अभियान की समाप्ति के बाद इसे जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री को सौंपा जायगा. इस सम्बन्ध में हस्ताक्षर अभियान का संचालन कर रहे दीपक कुमार,रघुनंदन कुमार ने बताया कि प्रखंडवासियों के बीच इस अभियान के माध्यम से प्रखंडवासियों को होने वाले नुकसान के सम्बन्ध में जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले एक पखवारे से बाढ़ का दंश झेल रहे दो दर्जन से अधिक गांव के लोगों का जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है.जबकि,कृषि विभाग के 16 सौ हेक्टेयर क्षेत्रफल में लगे फसलों के नुकसान का आकलन किया है.लेकिन इस प्रखंड को जलजमाव क्षेत्र घोषित किये जाने के कारण घाटकोसुम्भा प्रखंड के पांच पंचायतों में रहने वाले ग्रामीणों को बाढ़ आपदा के तहत मिलने वाली लाभ का फायदा नहीं मिल पा रहा है. जिससे प्रखंडवासियों के धैर्य टूट रहा है.अब इसे बाढ़ग्रस्त क्षेत्र घोषित किये जाने की मांग को लेकर लोगों की गोलबंदी का प्रयास शुरू किया गया है. गंगा नदी में उफान आने से बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में तब्दील लखीसराय जिले के बड़हिया प्रखंड को बाढ़ग्रस्त बताकर वहां के लोगों को राहत देने और उसी पानी से नुकसान झेल रहे शेखपुरा जिले के घाटकोसुंभा प्रखंड को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र की जगह जलजमाव क्षेत्र बताकर उसे राहत से वंचित कर दिया गया है. इसी को लेकर घाटकुसुंबा प्रखंड को बाढ़ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग को लेकर बाढ़ पीड़ित युवा मोर्चा की ओर घाटकोसुंभा प्रखंड को जलजमाव से हटाकर बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान का शुभारंभ किया गया. राहत नहीं तो वोट नहीं की हो रही गोलबंदी

हस्ताक्षर अभियान में शामिल लोग अपने बैनर में “राहत नहीं तो वोट नहीं ” जैसे स्लोगन के माध्यम से गोलबंद करने में जुटे हैं.और मांगे नही पूरी होने पर इसे आगे आन्दोलन को तेज करने को ग्रामीणों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं.

अति वृष्टि बाढ़ के कारण फसल क्षति का मिलेगा मुआवजा

अगस्त माह में हुई अति वृष्टि में हुई नदियों में आई बाढ़ के कारण जिले के घाटकुसुंभा प्रखंड क्षेत्र में फसलों की भारी क्षति हुई है. इसके लिए किसानों को कृषि इनपुट अनुदान योजना का लाभ दिया जाएगा. सरकार द्वारा सभी किसानों को ऑनलाइन आवेदन मांग की गई है. आवेदन की अंतिम तिथि 5 सितंबर निर्धारित की गई है. इस संबंध में प्राप्त जानकारी बताया गया कि प्रखंड के किसानों जिनकी फसल का नुकसान लगभग 33 प्रतिशत से अधिक हुआ है. वह इस योजना के लाभ के पात्र हैं. इन सभी किसानों को 8500 रूपए प्रति हेक्टेयर की दर से कृषि इनपुट अनुदान दिया जाएगा. यह अनुदान अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए देय होगा. इस योजना के तहत किसानों को न्यूनतम 1000 रूपए प्रदान किए जाएंगे. यह अनुदान सभी किसानों और बटाईदारों को दी जाएगी. योजना का लाभ केवल किसान परिवारों को दिया जाएगा. योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अद्यतन एलपीसी या लगान रसीद, वार्ड सदस्य एवं कृषि समन्वय के द्वारा प्रमाणित और स्व घोषणा पत्र देना होगा.

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