शेखपुरा. जिले के चेवाड़ा थाना क्षेत्र के अन्दौली में भीड़ ने पुलिस गिरफ्त से कई कांडों के वांछित अपराधी दिलखुश कुमार को छुड़ाकर वहां से भगा दिया ,परंतु इसी के कुछ घंटे बाद दिलखुश कुमार गोली लगने की अवस्था में सदर अस्पताल में भर्ती मिला. इसकी भनक मिलते ही सदर अस्पताल में जख्मी हालत में दिलखुश के पास पुलिस की टीम पहुंची और पुलिस सुरक्षा में उसका इलाज जारी है. इस दौरान अपराधी ने गांव के ही अपने विरोधी व भाजपा नेता कारू सिंह एवं उनके भाई रवि सिंह द्वारा हमला कर जख्मी कर दिए जाने का आरोप लगाया है. इस दौरान दिलखुश के बाएं बांह में गोली लगी है, जिसका इलाज जारी है .इस संबंध में चिकित्सकों की माने तो दिलखुश खतरे से बाहर है. इस संबंध में जानकारी देते हुए एसडीपीओ राकेश कुमार ने बताया कि अन्दौली गांव निवासी अशोक सिंह का पुत्र दिलखुश कुमार को बायाँ हाथ में एक गोली लगी है. घायल हुए दिलखुश पर आर्म्स एक्ट लूट समेत आठ से ज्यादा मुकदमे शेखपुरा, नवादा समेत अन्य जिलों में दर्ज है. उन्होंने बताया कि उसकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस की टीम अन्दौली गांव गई थी परंतु दिलखुश के कुछ समर्थकों ने हाथापाई कर उसे छुड़ा लिया और दिलखुश वहां से भाग निकला .पुलिस के साथ हाथापाई करने वाले लोगों की भी पहचान की जा रही है और उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी .उन्होंने बताया कि इसी के कुछ घंटे बाद पुलिस को सूचना मिली कि दिलखुश कुमार सदर अस्पताल में जख्मी हालत में भर्ती है. उसके बाएं बांह में गोली लगी हुई है.इसके बाद पुलिस की टीम वहां पहुंची और अपनी सुरक्षा में उसे लेकर उसका इलाज करवाने लगी. एसडीपीओ ने कहा कि पूछताछ के क्रम में दिलखुश ने आरोप लगाया कि उसका गांव के ही कारू सिंह के साथ लंबे समय से विवाद चल रहा था और इसी विवाद में उसी गांव के ग्रामीण व भाजपा नेता कारू सिंह, उनके भाई रवि सिंह सहित अन्य उसे गोली मार दिया है. दिलखुश ने कहा कि घटना के बाद कुछ ग्रामीणों के सहयोग से वह सदर अस्पताल पहुंचा, जहां उसका इलाज शुरू हुआ. एसडीपीओ ने कहा कि दिलखुश द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की जा रही है, हालांकि उसके द्वारा अभी तक लिखित आवेदन नहीं दिया गया है. लिखित आवेदन मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. वह इस मामले में कई ग्रामीणों की माने तो एसटीएफ के साथ पुलिस की टीम जब दिलखुश को पकड़ने गई तब दिलखुश ने पुलिस टीम को देख कमर से पिस्तौल निकाल लिया था. इसी क्रम में गोली उसके बांह में लग गई थी. इस दौरान दिलखुश के कई समर्थक पुलिस से हाथापाई पर उतर गए और उसे किसी तरह वहां से भगा दिया गया था. दिलखुश को गोली लगने का पूरा घटनाक्रम पुलिस के सामने ही हुआ था, परंतु अब इस मामले में पुलिस अपना पल्ला झाड़ रही है.
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