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पवित्र कलश स्थापना के साथ शुरू हुई नवरात्र

सनातन धर्माबलंबियों का सबसे पावन पर्व नवरात्र की शुरुआत सोमवार को पवित्र कलश की स्थापना के साथ हो गई है.

बिहारशरीफ. सनातन धर्माबलंबियों का सबसे पावन पर्व नवरात्र की शुरुआत सोमवार को पवित्र कलश की स्थापना के साथ हो गई है. शक्ति की देवी मां दुर्गा की साधना तथा अराधना का पवित्र पर्व शारदीय नवरात्र के अवसर पर मां दुर्गा के भक्त व श्रद्घालु पूरी आस्था के साथ पवित्र दुर्गा सप्तशती के पाठ में जुट गये हैं. घरों से लेकर पूजा समितियां तक में कलश स्थापित कर श्रद्धालुओं के द्वारा नवरात्र की आराधना की जा रही है. माता के भक्त व श्रद्धालु सोमवार से लगातार 10 दिनों तक माता की उपासना में जुटे रहेंगे. सोमवार को सुबह से लेकर शाम तक पवित्र कलश की स्थापना की जाती रही. नवरात्र के प्रथम दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप माता शैलपुत्री की आराधना की गई मंगलवार को माता के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी माता की पूजा अर्चना की जाएगी नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग नव स्वरूपों की विधिवत आराधना की जाएगी. इस संबंध में पंडित श्रीकांत शर्मा आचार्य ने बताया कि पुराणों में मां दुर्गा की साधना तथा उपासना का काफी महत्व बताया गया है. इनकी पूजा अर्चना से घर में सुख शांति तथा समृद्धि बनी रहती है. मार्कंडेय पुराण के अनुसार नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. इससे माता के भक्तों तथा श्रद्धालुओं की मनोवांछित अभिलाषा पूरी होती है. इससे मनुष्य के जीवन की सभी बाधाएं दूर होकर जीवन में खुशियां और संपन्नता आती है. दुर्गा सप्तशती के पवित्र श्लोकों से धार्मिक हुआ वातावरण:- नवरात्र के प्रथम दिन से ही जिले में भक्ति की गंगा बहने लगी है. नवरात्र के प्रथम दिन सोमवार को अहले सुबह से ही घरों में पवित्र कलश की स्थापना कर श्रद्धालुओं के द्वारा दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू कर दिया गया है. शहर में दिनों भर मंदिरों तथा दुर्गा पूजा समितियां में भी पवित्र श्लोक के माध्यम से कलश स्थापन तथा दुर्गा सप्तशती का पाठ होते रहा. इससे पूरा वातावरण धार्मिकता के रंग में रंग गया है. मां दुर्गा की आरती तथा ””””””””जय माता दी”””””””” के जयकारे से पूरा शहर गुंजायमान हो रहा है. प्रतिमा तथा पंडाल निर्माण में आई तेजी:- नवरात्रि की शुरुआत हो जाने से जिले की विभिन्न पूजा समितियां के द्वारा प्रतिमा निर्माण तथा पंडाल निर्माण के कार्य में तेजी लाया गया है. जिले में सप्तमी तिथि को मां दुर्गा के दर्शनों के लिए पट खुलने की परंपरा रही है, और इसी दिन से जिले में दशहरा मेले की शुरुआत हो जाती है. इस वर्ष सप्तमी तिथि 29 सितंबर को है. इस दिन का जिले वासियों को बेसब्री से इंतजार रहता है. इसलिए शहर के सभी पूजा समितियां के द्वारा 29 सितंबर के पूर्व ही प्रतिमाओं तथा पंडालों को अंतिम रूप दिया जाएगा.

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