बोधगया. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने गुरुवार को बोधगया में विभिन्न क्षेत्रों में लगे एमएसएमइ उद्यमियों, आरएसइटीआइ प्रशिक्षित कर्मियों और पीएमएफएमइ, पीएमइजीपी सहित विभिन्न सरकारी प्रायोजित योजनाओं के लाभार्थियों के लिए एक टाउनहॉल कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में लगभग 150 एमएसएमइ उद्यमियों ने भाग लिया. कार्यक्रम में आरबीआइ की उप महाप्रबंधक रंजीता चौधरी, पंजाब नेशनल बैंक की डीजीएम, दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक (डीबीजीबी) की जीएम, गया के एलडीएम, डीआइसी के जीएम, नाबार्ड के डीडीएम, आरएसइटीआइ के निदेशक और विभिन्न प्रमुख बैंकों के अधिकारी मौजूद थे. डीजीएम, आरबीआइ ने अपने मुख्य भाषण के दौरान रोजगार सृजन, आर्थिक विकास और नवाचार में उद्यमिता की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि वित्त तक पहुंचने में उद्यमियों के सामने आने वाली चुनौतियों को पहचानते हुए आरबीआइ ने उद्यमियों और औपचारिक बैंकिंग प्रणाली के बीच एक मजबूत संबंध को बढ़ावा देकर एक सहायक वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है. उन्होंने उद्यमियों को बैंकिंग सेवाओं का इष्टतम तरीके से उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया, जो उनके व्यवसायों को बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करेगा. टाउनहॉल के दौरान प्रतिभागियों को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के महत्व, उद्यम पंजीकरण, एमएसएमइ क्षेत्र को बढ़ावा देने में लगे उद्यमियों और संस्थानों का सहयोग करने के लिए बनायी गयी विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी गयी. कार्यक्रम का समापन एक ओपन हाउस सत्र के साथ हुआ, जहां प्रतिभागियों द्वारा सिविल ट्रेड्स प्लेटफॉर्म, उद्यम पंजीकरण जैसे विषयों पर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दिये गये और आवश्यक प्रतिक्रिया प्राप्त की गयी. कार्यक्रम को और भी अधिक आकर्षक बनाने के लिए बैंकों ने सूचना के प्रसार के लिए स्टॉल लगाये. यह कार्यक्रम भारत में वित्तीय सशक्तीकरण को बढ़ावा देने और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए आरबीआइ की अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है.
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