बिहारशरीफ. देशभर में ऑनलाइन मनी गेम्स पर अब पूरी तरह से रोक लग गई है. संसद से ऑनलाइन गेमिंग और आयकर से जुड़े अहम विधेयक पारित होने और शुक्रवार को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही ऑनलाइन मनी गेमिंग कंपनियों ने अपने प्लेटफॉर्म बंद करने शुरू कर दिए. बिहारशरीफ समेत कई जगहों पर सिर्फ दो घंटे के भीतर ही असर दिखाई देने लगा. सोशल मीडिया से लेकर गूगल प्ले स्टोर और अन्य ऐप स्टोर पर ऐसे गेम्स गायब होने लगे हैं. ऑनलाइन गेम्स की लत में पड़कर स्कूली बच्चों से लेकर युवाओं तक की पढ़ाई और दिनचर्या प्रभावित हो रही थी. समाज शास्त्रियों के मुताबिक इन खेलों की वजह से कई बच्चों में मानसिक दबाव और आपराधिक प्रवृत्ति भी पनप रही थी. आईटी सचिव एस. कृष्णन की जानी निर्देश में नए कानून के तहत कोई भी कंपनी ऐसे गेम नहीं चला पाएगी, जिनमें असली पैसे का लेन-देन होता है. सरकार ने साफ कहा कि इन खेलों से युवाओं में लत और आर्थिक नुकसान की संभावना बढ़ गई थी। इसलिए इन पर रोक लगाना जरूरी हो गया था. उन्होंने बताया कि पहले निषेध संबंधी प्रावधान लागू किए जाएंगे, ताकि नागरिकों के पैसे और हितों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. इंडिया गेमिंग रिपोर्ट के मुताबिक भारत दुनिया के टॉप-20 गेमिंग ऐप डाउनलोड करने वाले देशों में शामिल है. केवल वर्ष 2024 में ही 3.7 अरब से ज्यादा ऐप्स डाउनलोड हुए थे. सरकार का कहना है कि इतना बड़ा बाजार बिना नियंत्रण के चल रहा था, जिससे उपभोक्ताओं की सुरक्षा खतरे में थी. कानून लागू होते ही कई चर्चित ऐप्स और गेम्स की थम गई गतिविधियां. ड्रीम 11, एमपीएल (मोबाइल प्रीमियर लीग), विनज़ो, पेटीएम फर्स्ट गेम्स, रम्मी सर्कल, गेमज़ोप, लोक, स्किलक्लैश, ज़ूपी लुडो, जंगल रम्मी, पॉकरबाज़ी, फ़न2के, लुडो सुप्रीम, विनज़ो गोल्ड, गेटमेगा, बल्लेबाज़ी, रियल11, माई11सर्कल, 8 बॉल पूल, लुडो किंग, रोज धन, स्लॉट गेम्स, क्रैश गेम्स, फ्रूट चॉप, ब्लॉक पज़ल, बबल शूटर, स्पिन व्हील, मिशन गेम्स और फैंटेसी क्रिकेट आदि. इनमें से अधिकांश ऐप्स में रियल-मनी पुरस्कार और यूपीआई, वॉलेट के जरिए नकद निकासी की सुविधा थी. लेकिन अब ऑनलाइन मनी गेम्स बिल 2025 लागू होने के बाद इनकी गतिविधियां पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई हैं.
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