बिहारशरीफ. राज्यव्यापी बिहार बंद का असर बुधवार को जिले में भी साफ देखा गया. अधिकांश संविदाकर्मी पूर्व में ही अवकाश लेकर सरकारी कामकाज से दूरी बनाए रखे. इससे जिला मुख्यालय समेत कई कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा और आम दिनों की अपेक्षा काफी कम भीड़भाड़ देखी गई. 9 जुलाई को बुलाए गए इस बंद का उद्देश्य था संविदाकर्मियों की सेवा शर्तों में सुधार, स्थायीत्व, और आरक्षण, बेरोजगारी व महंगाई जैसे मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराना. इस बंद को राजद, कांग्रेस, वामदल (सीपीआई, सीपीएम, माले) के साथ-साथ एआईएसएफ, एआईवाईएफ, संविदा शिक्षक संघ, पंचायत सचिव संघ, और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संगठनों का भरपूर समर्थन मिला. अधिकांश निजी स्कूल, कॉलेज, बैंक शाखाएं भी बंद रहीं. विपक्षी दलों ने इसे जनआक्रोश की आवाज बताया, वहीं कुछ लोगों ने इस आंदोलन को राजनीतिक रणनीति करार दिया. लेकिन इतना तय है कि इस बंद ने सरकार पर संविदाकर्मियों की समस्याओं को लेकर दबाव जरूर बढ़ाया है.
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