Bhagalpur news. महेंद्र साह का भागलपुर में अपना घर नहीं है. वे वर्षों से मुंदीचक में किराये के मकान में रह रहे थे. 40 साल हो गये घंटाघर में फल की दुकानदारी कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे थे. महेंद्र साह इन दिनों अपनी छोटी बेटी की शादी के लिए प्रयासरत थे. अक्सर अपने दोस्तों और पहचान वाले लोगों से कहते कि इस बेटी की शादी हो जाय तो वह निश्चिंत हो जाएंगे. महेंद्र साह के तीन पुत्रों में पहला पुत्र दिनेश साह दिव्यांग है. दूसरा पुत्र नीरज और सूरज है. तीनों पुत्र मिल कर पिता का हाथ बंटाते थे. तीनों पुत्रों और महेंद्र साह की पत्नी कमला देवी, तीन बेटियों का रो रो कर बुरा हाल था.
हमेशा प्रशासन के पक्ष में रहे महेंद्र
स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि घंटाघर चौक पर दुकान लगाने वाले महेंद्र साह यहां के सबसे पुराने दुकानदार थे. वर्षों पहले जब घंटाघर में दुकानों की बंदोबस्ती हुई थी तो महेंद्र साह रोजाना पांच रुपये वसूल कर नगर निगम प्रशासन के कोषागार में जमा करते थे. कभी प्रशासनिक आदेश की अवहेलना नहीं किया.
पहले मिले दुकान फिर हटाया जाय
घंटाघर चौक पर कुल 350 फुटकर दुकानें हैं. इनमें 35 से अधिक फल की दुकानें हैं. फल दुकानदारों की शिकायत है कि तिलकामांझी, स्टेशन चौक या कटहलबाड़ी, उल्टा पुल के नीचे सब्जी मंडी में अवैध दुकानों के कारण जाम की स्थिति होती है. लेकिन वहां अतिक्रमण नहीं हटाया जाता है, लेकिन घंटाघर में दुकानदारों पर अक्सर प्रशासन की कुदृष्टि हो जाती है. दुकानदारों का कहना है कि वे लोग कोई अपराधी नहीं है. उनलोगों को पहले जगह आवंटित की जाये, फिर हटाया जाये.