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भागलपुर बारूद का कहर: अनाथ हुआ श्रवण, तो लीलावती ने दो बेटी और नाती के साथ तोड़ दिया दम, जानें अपडेट

विस्फोट में शंकर मंडल की पत्नी लीलावती देवी की जान तो गयी ही, साथ ही इनकी दो बेटी और दो नाती की भी जान चली गयी. पड़ोसी बताते हैं लीलावती देवी की बेटी पिंकी कुछ दिन से अपने मां के पास रह रही थी.

भागलपुर विस्फोट के बाद पीड़ितों ने अपने परिजनों को खोजना आरंभ किया तो पता चला दो परिवार इस हादसे में अपना सब कुछ खो चुके हैं. कोई घर का अलबम खोज रहा था, तो कुछ और. पीड़ितों को शुक्रवार को पता चला कि जो तस्वीर अलबम में कैद है, वह अब दीवार पर टंग जायेगी. इस हादसे में लीलावती देवी ने अपनी दो बेटी और दो नाती को खो दिया. घायल श्रवण को पता नहीं था कि वह इस हादसे के बाद अनाथ हो चुका है. परिजन श्रवण को कुछ भी बताने का साहस नहीं कर पा रहे थे.

विस्फोट में शंकर मंडल की पत्नी लीलावती देवी की जान तो गयी ही, साथ ही इनकी दो बेटी और दो नाती की भी जान चली गयी. पड़ोसी बताते हैं लीलावती देवी की बेटी पिंकी कुछ दिन से अपने मां के पास रह रही थी. इनके साथ इनका 14 साल का बेटा प्रियांशु भी रह रहा था. दूसरी बेटी आरती देवी के साथ इनका चार साल का बेटा आयुष कुमार भी था. विस्फोट के वक्त सभी अपने कमरे में बैठ कर बात कर रहे थे. अचानक घर का छत गिरा ओर एक-एक कर लीलावती के परिवार के सभी सदस्य जमीन पर आ गिरे.

इलाज करा रहा श्रवण रातों रात हो गया अनाथ

मायागंज अस्पताल के इमरजेंसी में श्रवण का इलाज चल रहा था. इसे पता नहीं था कि विस्फोट की वजह से इनके पिता राजू साह और भाई राहुल की मौत हो चुकी है. इलाज के दौरान श्रवण को इसकी जानकारी नहीं श्रवण की मां का देहांत करीब पांच साल पहले हो चुका है. इस वजह से श्रवण व राहुल को इसकी बड़ी मां शीला देवी ही रखती थी.

शोक में डूबे स्कूल के छात्र व शिक्षक

विस्फोट में हताहत हुए राजकुमार साह उर्फ राजू साह के परिजनों ने पड़ोसी के घर में शरण लिया है. घटना के बाद से ही राजकुमार साह की भांजी ऐश्वर्या अपने मामा को ढूंढ़ती रही. पहले तो मलबे के समीप दौड़ती-भागती रही. ऐश्वर्या का रो-रोकर बुरा हाल है. इधर राजकुमार साह के पुत्र रौनित उर्फ राहुल की मौत के बाद उसके स्कूल आनंदराम ढांढानिया सरस्वती विद्या मंदिर में शिक्षक व छात्र शोक में डूब गये.

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राजकुमार की भतीजी बाल-बाल बची

राजकुमार साह की भाभी रेखा साह ने बताया कि उनके परिवार का एक ही घर में रहना होता था. सभी को कमरे बांट दिये गये थे. घटना के समय वे मकान की तीसरी मंजिल पर थे. आवाज हुई तो अंधेरा छा गया. मकान का आधा हिस्सा ध्वस्त हो गया. इसी बीच मालूम हुआ कि देवर अपने घर से दूसरे के घर में फेंका गया. इसके बाद ही उनकी मौत हो गयी. भतीजी जया उर्फ दुलारी ने बताया कि वह खुद इस घटना में घायल हो गयी.

घर के दीवार का कुछ टुकड़ा उनके पीछ गिर गया और चेहरे पर चोट लगी. घर-परिवार की चिंता ने अस्पताल में रहने नहीं दिया और अधूरा इलाज कराकर लौट गयीं. जया ने बताया कि चाचा राजकुमार साह के पुत्र सोनू उर्फ श्रवण अस्पताल में भर्ती हैं, दूसरे पुत्र रौनित की मौत उनके साथ ही हो गयी, जो कि आठवीं में पढ़ता था. 22 सदस्यों के परिवार में आठ सदस्य घायल हो गये.

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