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बिहार में ग्रामीणों के घर के पास अब उपलब्ध होगी स्वास्थ्य सुविधा, बनेंगे 2076 नए स्वास्थ्य उपकेंद्र

स्वास्थ्य विभाग की ओर से 2023-24 में हर विधानसभा क्षेत्र में सात-सात स्वास्थ्य उपकेंद्र के निर्माण करने का निर्णय लिया गया है. साथ ही हर विधान परिषद क्षेत्र में इसके अलावा पांच-पांच स्वास्थ्य उपकेंद्र स्थापित करने का निर्णय हुआ है

शशिभूषण कुंवर,पटना. राज्य में गांव के मरीजों को छोटी-मोटी बीमारियों के लिए भागदौड़ से छुटकारा जल्द मिलने वाला है. सरकार ने 2023-24 में ग्रामीण क्षेत्रों में 2076 स्वास्थ्य उपकेंद्र के निर्माण का निर्णय लिया है. ये स्वास्थ्य उपकेंद्र पूर्व से स्थापित 8705 स्वास्थ्य उपकेंद्रों के अतिरिक्त होंगे. इसके लिए सभी विधायकों और विधान परिषद सदस्यों से प्रस्ताव की मांग की गयी है. नये स्वास्थ्य उपकेंद्रों के निर्माण से गांव में ही महिलाओं, बच्चों सहित सामान्य प्रकार की बीमारियों का इलाज संभव होगा. टेलीमेडिसीन के माध्यम से यहां पर मरीजों को इलाज की सुविधा भी मिलेगी.

हर विधानसभा क्षेत्र में सात-सात स्वास्थ्य उपकेंद्र

स्वास्थ्य विभाग की ओर से 2023-24 में हर विधानसभा क्षेत्र में सात-सात स्वास्थ्य उपकेंद्र के निर्माण करने का निर्णय लिया गया है. साथ ही हर विधान परिषद क्षेत्र में इसके अलावा पांच-पांच स्वास्थ्य उपकेंद्र स्थापित करने का निर्णय हुआ है. विधानसभा क्षेत्रों और विधान परिषद क्षेत्रों में स्वास्थ्य उपकेंद्र बनाने के लिए विधायक व विधान परिषद सदस्य सुझाव देंगे. उनको यह छूट है कि जहां पर स्वास्थ्य उपकेंद्र नहीं है वहां पर स्वास्थ्य उपकेंद्र बनाने का प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग को देंगे.

माननीयों से अनुशंसा मांगी गयी है

विधायकों की अनुशंसा पर 1701 स्वास्थ्य उपकेंद्र स्थापित किये जायेंगे, जबकि विधान परिषद सदस्यों की अनुशंसा पर 375 स्वास्थ्य उपकेंद्र स्थापित किये जायेंगे. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी क्षेत्र के माननीयों से अनुशंसा मांगी गयी है. विभाग को अनुशंसा मिलने के बाद स्वास्थ्य उपकेंद्रों के निर्माण की आगे की कार्रवाई आरंभ की जायेगी.

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स्वास्थ्य उपकेंद्रों से मरीजों को होगा यह लाभ

स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर ग्रामीणों को टेलीमेडिसीन के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श दिया जायेगा. यहां पर सामान्य गर्भावस्था और सामान्य प्रसव की सेवाएं मिलने लगेंगी. गर्भवती महिलाओं को परामर्श मिलने से मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी आयेगी. यहां पर नवजात एवं शिशु सामान्य देखभाल होगी. बालावस्था और किशोर स्वास्थ्य की सुविधा मिलेगी. परिवार नियोजन, गर्भनिरोधक और सामान्य प्रजनन स्वास्थ्य का देखभाल किया जायेगा. इससे प्रजनन दर में कमी लाने में मदद मिलेगी. राष्ट्रीय कार्यक्रमों जिसमें टीबी जैसे संचाली रोग का प्रबंधन करने में सहूलियत होगी. बीमारियों को ओपीडी के माध्यम से सामान्य प्रबंधन किया जायेगा. साथ ही कई प्रकार की बीमारियों की स्क्रीनिंग की जायेगी. स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर सात प्रकार की पैथोलोॉजिकल जांच की सुविधा भी रैपिड डायग्नोस्टिक किट से मिलेगी.

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