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झारखंड के इन 10 गांवों के ग्रामीणों ने आखिर क्यों लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का बनाया है मन?

गांव की जर्जर सड़क होने के कारण जहां मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, वहीं छोटे-छोटे स्कूली बच्चों को काफी परेशानी होती है. पदाधिकारियों से मांग की है कि बरसात से पूर्व सड़क निर्माण का कार्य किया जाए, ताकि इन परेशानियों से निजात मिल सके.

बंदगांव (पश्चिमी सिंहभूम), अनिल तिवारी. भालुपानी पंचायत के चिंगीदा में 10 गांवों के ग्रामीणों की बैठक मूलभूत सुविधाओं को लेकर ग्राम मुंडा मांगरा मुंडा की अध्यक्षता में हुई. बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि गांव में ग्रामीण अब तक मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. ग्रामीणों के मुताबिक मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली, पानी, सड़क का अभाव है. ग्रामीणों ने बताया कि सड़क निर्माण को लेकर उपायुक्त, विधायक, सांसद एवं पूर्व विधायक को मांग पत्र सौंपा गया है, लेकिन अब तक सड़क निर्माण को लेकर प्रशासन द्वारा कोई पहल नहीं की गयी है. इससे नाराज लोगों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है.

सड़क-पानी को तरस रहे ग्रामीण

गांव की जर्जर सड़क होने के कारण जहां मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, वहीं छोटे-छोटे स्कूली बच्चों को काफी परेशानी होती है. ग्रामीणों ने प्रशासनिक पदाधिकारियों से मांग की है कि बरसात से पूर्व सड़क निर्माण का कार्य किया जाए, ताकि ग्रामीणों को हो रही परेशानियों से निजात मिल सके. गांव में करीब 11 चापाकल हैं. वर्षों से सभी चापाकल खराब पड़े हुए हैं. गांव से दूर प्राथमिक विद्यालय है. यहां एक चापाकल है. चापाकल से काफी कम पानी आता है. गर्मी के दिनों में जलस्तर नीचे चले जाने के कारण चापाकल से पानी नहीं आता है. मजबूरन ग्रामीण चुआं का पानी से प्यास बुझाते हैं.

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लोकसभा चुनाव का करेंगे बहिष्कार

समाजसेवी सामुएल पूर्ति ने कहा कि देश की आजादी के बाद भी मूलभूत सुविधा से ग्रामीण वंचित हैं. सरकार द्वारा कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन गांव में प्रशासनिक पदाधिकारी नहीं पहुंचने के कारण गांव का विकास अब तक नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा झारखंड सरकार कहती है कि गांव के अंतिम छोर तक योजनाओं का लाभ पहुंचेगा, लेकिन दुर्भाग्य है कि गांव के लोग अभी भी चुआं का पानी पीते हैं. ग्रामीणों ने मन बनाया है गांव में मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं होगा तो लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे. मौके पर सामुएल पूर्ति, मार्शल पूर्ति, उम्बलन तोपनो, सनिक हासदा, स्टेफन पूर्ति, सिरिल पूर्ति, सुलेमान तोपनो, बहलीन पूर्ति समेत 10 गांवों के ग्रामीण उपस्थित थे.

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