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Sawan Shivratri 2020 Date: आज है सावन की शिवरात्रि, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा करने की विधि

Sawan Shivratri 2020 Date in India: आज सावन की शिवरात्रि है. सावन में आने वाली शिवरात्रि बेहद ही खास मानी जाती है, जो इस बार 19 जुलाई दिन रविवार को पड़ रहा है. इस दिन शिव के भक्त व्रत रखते हैं और शिवलिंग की पूजा अर्चना करते हैं. वैसे तो हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि आती है. लेकिन सावन में आने वाली शिवरात्रि का अधिक महत्व माना गया है.

Sawan Shivratri 2020 Date in India: आज सावन की शिवरात्रि है. सावन में आने वाली शिवरात्रि बेहद ही खास मानी जाती है, जो इस बार 19 जुलाई दिन रविवार को पड़ रहा है. इस दिन शिव के भक्त व्रत रखते हैं और शिवलिंग की पूजा अर्चना करते हैं. वैसे तो हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि आती है. लेकिन सावन में आने वाली शिवरात्रि का अधिक महत्व माना गया है. क्योंकि सावन शिव का महीना है, इसलिए इस महीने पड़ने वाले सभी त्योहार खास होता हैं. शिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व होता है. इस दिन भक्त व्रत रखते हैं. शिवरात्रि व्रत रखने से व्यक्ति के सभी दुख दूर हो जाता है.

शिवरात्रि का महत्व

सावन महीने में आने वाली शिवरात्रि को श्रावणी शिवरात्रि भी कहते हैं. ये शिवरात्रि अत्याधिक शुभ मानी जाती है. उत्तर भारत के प्रसिद्ध शिव मंदिरों, काशी विश्वनाथ व बद्रीनाथ धाम में इस दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस बार कोरोना वायरस के कारण भक्त मंदिरों में पूजा नहीं कर पाएंगे. शिव भक्त इस बार शिवरत्रि के दिन अपने-अपने घरों में ही गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक कर शिव का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन शिवरात्रि का व्रत कुंवारी कन्याओं के लिए श्रेष्ठ माना गया है. यह व्रत करने से उन्हें मनचाहा वर प्राप्त होता है.

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शिवरात्रि पूजा मुहूर्त

निशिथ काल पूजा – 20 जुलाई सुबह 07 बजकर 10 मिनट पर

व्रत पारण का समय – 20 जुलाई सुबह 05 बजकर 36 मिनट पर

चतुर्दशी तिथि आरंभ – 19 जुलाई की रात 12 बजकर 41 मिनट पर

चतुर्दशी तिथि समाप्त – 20 जुलाई की रात 12 बजकर 10 मिनट पर

शिवरात्रि व्रत विधि

इस व्रत के एक दिन पहले यानी त्रयोदशी तिथि को व्रती को एक समय भोजन करना चाहिए. फिर व्रत वाले दिन सुबह नित्य कर्म के पश्चात व्रत करने का संकल्प लें. फिर शाम के समय स्नान के पश्चात शिव की विधि विधान पूजा कर व्रत का समापन करना चाहिए. लेकिन एक अन्य धारणा के अनुसार व्रत के समापन का सही समय चतुर्दशी के बाद का बताया गया है.

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पूजा विधि

इस दिन मंदिर या घर पर शिव जी की पूजा करनी चाहिए. इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने की भी परंपरा है. पूजा के समय भगवान शिव को जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी, इत्र, चंदन, केसर, भांग, धतूरा, गंगाजल, भांग, सफेद फूल, सफेद चंदन, धूप आदि चीजें अर्पित करें.

News posted by : Radheshyam kushwaha

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