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Sarva Pitru Amavasya 2025: सर्वपितृ अमावस्या के दिन इन खास चीजों का करें दान, पितरों की बरसेगी कृपा

Sarva Pitru Amavasya 2025: सर्वपितृ अमावस्या हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष का अंतिम और खास दिन है. इस दिन लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं, उनका श्राद्ध और तर्पण करते हैं. मान्यता है कि इस दिन किए गए दान और पूजा से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार पर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद रहता है.

Sarva Pitru Amavasya 2025: हिंदू परंपरा में अमावस्या तिथि का विशेष स्थान है. हर महीने यह तिथि आती है, लेकिन आश्विन मास की अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या कहा जाता है. यह दिन पूरे पितृपक्ष का अंतिम पड़ाव होता है. इस मौके पर लोग अपने पूर्वजों को स्मरण करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. मान्यता है कि इस दिन तर्पण और दान से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार पर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. दान को इस दिन सबसे बड़ा पुण्य कार्य माना गया है और कहा जाता है कि इसका फल कई गुना बढ़कर प्राप्त होता है. ज्योतिष दृष्टि से भी यह तिथि विशेष महत्व रखती है. खासकर सूर्योदय से दोपहर 12 बजे तक का समय अत्यंत शुभ माना गया है. इस अवधि में किया गया तर्पण और दान सबसे फलदायी होता है. हालांकि, दोपहर के बाद भी दान-पुण्य करना शुभ ही रहता है.

इन चीजों का करें दान

अनाज और दालें – गेहूं, चावल, उड़द, मूंग, मसूर आदि जरूरतमंदों को दें. यह सबसे पुण्यकारी दान माना जाता है.

तिल दान – सफेद या काले तिल का दान पितरों की शांति के लिए उत्तम माना जाता है.

मीठा भोजन – खीर, हलवा या अन्य मिठाई बनाकर अर्पित करें और दान करें.

फल और मेवे – बादाम, किशमिश, काजू जैसे सूखे मेवे या ताजे फल देना भी शुभ है.

वस्त्र दान – साफ-सुथरे कपड़े गरीबों या जरूरतमंदों को दें.

धन दान – मंदिर, अनाथालय या जरूरतमंद लोगों को आर्थिक मदद करें.

इन उपायों से पूर्वज होंगे प्रसन्न

सर्वपितृ अमावस्या के दिन सबसे पहले घर की साफ-सफाई करें और स्नान के बाद शुद्ध वस्त्र पहनें. दक्षिण दिशा की ओर मुख कर बैठें और तिल, जल, फूल और अक्षत के साथ पितरों का तर्पण करें. तर्पण करते समय पूर्वजों का नाम लेकर श्रद्धा व्यक्त करें. इससे उनकी आत्मा प्रसन्न होती है और घर-परिवार पर आशीर्वाद बना रहता है.

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JayshreeAnand
JayshreeAnand
कहानियों को पढ़ने और लिखने की रुचि ने मुझे पत्रकारिता की ओर प्रेरित किया. सीखने और समझने की इस यात्रा में मैं लगातार नए अनुभवों को अपनाते हुए खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करती हूं. वर्तमान मे मैं धार्मिक और सामाजिक पहलुओं को नजदीक से समझने और लोगों तक पहुंचाने का प्रयास कर रही हूं.

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