Dussehra 2025: नवरात्रि के अंतिम दिन माता धरती से अपने लोक में लौटती हैं और इस दिन दशों दिशाओं के दरवाजे खुले रहते हैं. इसलिए अगर किसी को यात्रा करनी हो तो दशहरा का दिन उत्तम माना जाता है. इसी कारण इसे यात्रा दिवस भी कहा जाता है. साथ ही, दशहरे के दिन नीलकंठ और शमी वृक्ष देखकर व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य प्राप्त करता है.
दशहरा के दिन ये 5 चीजें देती हैं गुडलक का संदेश
नीलकंठ: मान्यता है कि दशहरे पर नीलकंठ दिखना देवी की कृपा से होता है. यह पक्षी भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है. इस दिन नीलकंठ देखकर पूरे साल सुख, समृद्धि और उन्नति बनी रहती है.
शमी: दशहरे के दिन शमी के पेड़ की पूजा और धूप-दीप दिखाना शुभ माना जाता है. शमी के पत्ते माता दुर्गा को अर्पित करने से जीवन में बाधाएं दूर होती हैं और धन-धान्य की प्राप्ति होती है.
तारा: शाम के समय उदित विजय तारा का दर्शन करना लाभकारी होता है. इस समय मनोकामना भक्ति भाव से मांगने पर पूर्ण होती है.
मछली: यात्रा के दौरान रास्ते में जिंदा मछली का दिखना शुभ संकेत माना जाता है. मछली को आटे की गोलियां खिलाना भी लाभकारी है.
कछुआ: कछुए को देखना भी शुभ माना गया है. दशहरे के दिन इसे देखने से सुख-समृद्धि और लाभ मिलता है.
क्यों मनाते हैं दशहरा
14 साल के वनवास के दौरान लंकापति रावण ने माता सीता का अपहरण किया. माता सीता को ढूँढने के लिए भगवान राम ने हनुमानजी को भेजा. हनुमानजी ने सीता का पता लगाया और रावण से कहा कि उन्हें सम्मान सहित श्रीराम के पास भेज दें, लेकिन रावण ने नहीं माना. इसके बाद मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने रावण का वध किया. यह दिन शारदीय नवरात्र की दशमी तिथि था. राम ने पहले 9 दिन मां दुर्गा की उपासना की और 10वें दिन रावण पर विजय प्राप्त की. इसलिए इस दिन को विजयादशमी या दशहरा कहा जाता है. रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले जलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक मनाया जाता है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.

