Basant Panchami 2023 Date: बसंत पंचमी, जिसे सरस्वती पूजा के रूप में भी जाना जाता है, एक हिंदू त्योहार है जिसे देवी सरस्वती की पूजा करने के लिए मनाया जाता है. यह माघ महीने के पांचवें दिन मनाया जाता है, जो वसंत की शुरुआत का प्रतीक है. बसंत पंचमी होली के आगमन की भी घोषणा करती है, जो बसंत पंचमी के चालीस दिन बाद होती है. पंचमी में वसंत उत्सव बसंत से चालीस दिन पहले मनाया जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि वसंत आने से पहले कोई भी मौसम 40 दिनों की संक्रमणकालीन अवधि से गुजरता है.
देवी सरस्वती की होती है पूजा
देवी सरस्वती हमें बुद्धि प्रदान करती हैं. यह वर्ष का वह समय भी है जब भारत में बसंत पंचमी के दौरान सरसों के फूल खिलते हैं. त्योहार के दौरान सरसों के फूलों का एक खेत पीले फूलों के बिस्तर जैसा दिखता है और पीला रंग त्योहार से जुड़ा होता है. इस दौरान लोग पीले रंग के कपड़े पहनते हैं और पीले रंग का भोजन (जैसे खिचड़ी) खाते हैं.
वसंत की तैयारियों की शुरुआत का प्रतीक
वसंत पंचमी का त्योहार, जिसे बसंत पंचमी के नाम से भी जाना जाता है, वसंत की तैयारियों की शुरुआत का प्रतीक है, जिसे भारतीय उपमहाद्वीप के क्षेत्र के आधार पर विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है. भारत में, त्योहार ज्यादातर उत्तरी राज्यों पंजाब और बिहार में मनाया जाता है, जहां लोग इसे पतंग के त्योहार के रूप में मनाते हैं. राजस्थान में लोग त्योहार के दिन चमेली की माला पहनते हैं.
बसंत पंचमी तारीख, शुभ मुहूर्त
बंसत पंचमी तारीख: इस साल बसंत पंचमी 26 जनवरी, 2023 को मनाई जाएगी.
शुभ मुहूर्त: बसंत पंचमी 25 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर 26 जनवरी को सुबह 10 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी. हालांकि बसंत पंचमी का पूरे दिन को शुभ माना जाता है, लेकिन पूजा करने का सही समय सुबह का है.