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राज्यसभा चुनाव की तारीख का एलान, बिहार से इन 6 सदस्यों का समाप्त हो रहा है कार्यकाल

8 फरवरी से नामांकन शुरू हो जायेगा. राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन करने की अंतिम तारीख 15 फरवरी होगी. वहीं नामांकन पत्र की जांच 16 फरवरी को होगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 20 फरवरी रखी गयी है. जरूरत पड़े पर 27 फरवरी को मतदान होगा और उसी दिन वोटों की गिनती होगी.

पटना. चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनाव के लिए तारीख का एलान कर दिया है. बिहार विधान सभा कोटे से राज्यसभा की छह सीटों को भरा जायेगा. यानि विधायकों के वोट से 6 राज्यसभा सांसदों का चुनाव होगा. चुनाव आयोग से जारी सूचना के अनुसार राज्यसभा की 8 फरवरी को नोटिफिकेशन जारी होगा. यानि 8 फरवरी से नामांकन शुरू हो जायेगा. राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन करने की अंतिम तारीख 15 फरवरी होगी. वहीं नामांकन पत्र की जांच 16 फरवरी को होगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 20 फरवरी रखी गयी है. जरूरत पड़े पर 27 फरवरी को मतदान होगा और उसी दिन वोटों की गिनती होगी.

इन सदस्यों का खत्म हो रहा कार्यकाल

राज्यसभा के छह मौजूदा सांसदों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. उनमें राजद के दो, जेडीयू के दो, बीजेपी के एक औऱ कांग्रेस के एक सांसद हैं. राजद सांसद मनोज झा और अशफाक करीम का कार्यकाल 2024 में समाप्त हो रहा है. वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है. जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह और अनिल हेगड़े का कार्यकाल 2024 में समाप्त हो रहा है. इसके साथ ही बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी का कार्यकाल भी इसी साल समाप्त हो रहा है. दरअसल, सुशील मोदी 2020 में रामविलास पासवान के निधन के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सांसद चुने गये थे. लिहाजा उनका कार्यकाल सिर्फ 4 साल का रहा.

सुशील मोदी को लेकर सबसे अधिक चर्चा

2024 में जिन राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है उसमें सबसे प्रमुख नाम सुशील मोदी का है. उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है तो सबसे ज्यादा चर्चा इस बात पर हो रही है कि भाजपा उन्हें फिर से राज्यसभा भेजेगी या नहीं. हाल में हुए सियासी उलटफेर के दौरान भी यह बात चर्चा में थी कि सुशील मोदी का कार्यकाल खत्म हो रहा है, ऐसे में उन्हें बिहार की राजनीति में लौटने को कहा जा सकता है, लेकिन बिहार सरकार में उनकी भूमिका नहीं रहने के बाद अब यह कहा जा रहा है कि भाजपा उनको राज्यसभा में जाने का एक और मौका दे सकती है.

जेडीयू की सीट कमेगी

राज्यसभा के इस चुनाव में विधायकों की संख्या के आधार पर राजद को कोई नुकसान नहीं होगा. राजद के दो सांसदों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है और इस चुनाव में भी उसे आराम से दो सीटें मिल जायेगी. भाजपा को फायदा होने जा रहा है. भाजपा के एक सांसद का कार्यकाल खत्म हो रहा है और उसे विधायकों की संख्या के आधार पर दो सीटें मिलेंगी. नुकसान जेडीयू को होगा. उसके दो सांसदों वशिष्ठ नारायण सिंह औऱ अऩिल हेगड़े का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, लेकिन विधायकों की वर्तमान संख्या के आधार पर जेडीयू को सिर्फ एक सीट मिलेगी. जेडीयू के राज्यसभा सांसदों की संख्या कम जायेगी.

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अखिलेश पर पेंच

असली पेंच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह पर फंसेगा. अखिलेश सिंह 2018 में हुए राज्यसभा चुनाव में राजद के बूते सांसद बन गये थे. सवाल ये है कि क्या वे फिर से सांसद चुने जायेंगे. ऐसा तभी होगा जब न सिर्फ राजद बल्कि भाकपा माले, सीपीआई और सीपीएम भी राजी हो. चर्चा ये है कि इस दफे भाकपा माले अपने महासचिव दीपंकर भट्टाचार्या को राज्यसभा भेजना चाहती है. माले के पास 12 विधायक हैं. अगर उसने दावा ठोक दिया, तो फिर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह का दूसरी बार राज्यसभा जाना असंभव हो सकता है.

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