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बोले प्रवीण तोगड़िया- …तो मैं 2019 के चुनाव में नरेंद्र मोदी के साथ नहीं रहूंगा खड़ा

नयी दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद् (वीएचपी) में शनिवार को 52 साल बाद पहली बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होने जा रहें हैं. ऐसे में सबकी नजर प्रवीण तोगड़िया पर है जो फिलहाल संगठन के अंतरराष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष के पद पर काबिज हैं. दरअसल तोगड़िया और भाजपा-आरएसएस के बीच संबंध इन दिनों काफी खराब हैं. चुनाव […]

नयी दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद् (वीएचपी) में शनिवार को 52 साल बाद पहली बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होने जा रहें हैं. ऐसे में सबकी नजर प्रवीण तोगड़िया पर है जो फिलहाल संगठन के अंतरराष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष के पद पर काबिज हैं. दरअसल तोगड़िया और भाजपा-आरएसएस के बीच संबंध इन दिनों काफी खराब हैं. चुनाव से पूर्व एबीपी न्यूज के कार्यक्रम ‘मास्टर स्ट्रोक’ में वे पहुंचे और सवालों के जवाब देते नजर आये.

कार्यक्रम में बातचीत के क्रम में तोगड़िया ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद में चुनाव करोड़ों लोगों के लिए ‘दुखद और आघात’ की घटना है. यह सामाजिक और धार्मिक संगठन है. 52 साल में चुनाव नहीं हुआ और आज ‘राजनीतिक चुनाव’ थोपने की प्रक्रिया जारी है. थोपने का कारण है या तो वीएचपी टूट जाए या हिंदुओं की परिषद ‘सरकारी परिषद’ में तब्दील हो जाए. उन्होंने कहा, ”80 साल के व्यक्ति को अध्यक्ष बनाया जा रहा है. ‘यंग इंडिया’ में वीएचपी का अध्यक्ष इतनी उम्र का होगा? भाजपा की ओर से वह गवर्नर के पद पर भी अपनी सेवा दे चुके हैं. विष्णु सदाशिव कोकजे वीएचपी का नेतृत्व करेंगे! उन्हें चुनने के लिए चुनाव हो रहा है. कार्यकर्ता के विवेक पर विश्वास है कि वह हिंदुत्व विचारधारा को पराजित नहीं होने देंगे. हालांकि यह सब चुनाव में तय होगा.
प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि संघ परिवार में 75 वर्ष की आयु में रिटायरमेंट होता है. आडवाणी जी का रिटायरमेंट हुआ और वीएचपी में 80 साल का शख्स चुनाव लड़े यह आश्चर्यजनक बात है. 61 साल के राघव रेड्डी हैं. उन्हें चुना जाए. परिवर्तन होता है. इसके लिए मिल बैठकर बात करनी चाहिए. चुनाव प्रक्रिया पर रेड्डी जी सवाल उठा चुके हैं. तोगड़िया ने कहा कि चुनाव का परिणाम जो भी आए, उसकी हम परवाह नहीं करेंगे और हम अपने संकल्प को आगे बढ़ाते रहेंगे. मोदी सरकार का वादा पूरा नहीं होता है तो फिर हम जनता के बीच निकलेंगे.
राम मंदिर और मोदी सरकार
प्रवीण तोगड़िया ने अयोध्या में राम मंदिर के मामले पर भी केंद्र की मोदी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि लाखों-करोड़ों कार्यकर्ताओं ने जिनको सत्ता में लाने का काम किया. ताकि वह हिंदुओं की इच्छा पूरी करेंगे. लेकिन वादा पूरा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि हम 32 साल से वही बात कर रहे हैं जो आज कर रहे हैं. चार साल पहले जब मैं बोलता था कि राम मंदिर, गौरक्षा, कश्मीर में हिंदुओं की वापसी, धारा 370 पर संसद के माध्यम से कानून बनाया जाए तब इन्हें मेरी बात भाती थी, क्योंकि उस वक्त सरकार मनमोहन सिंह की थी. हमारे बोलने से सत्ताधारी मनमोहन सिंह की सरकार को नुकसान पहुंच रहा था और विपक्ष को फायदा हो रहा था. आज जब हम वही बात उठा रहे हैं तो उन्हें लगता है कि हम उनके विरोध में बात कर रहे हैं. तोगड़िया ने कार्यक्रम के दौरान पूछा भाजपा ने वादा किया था कि संसद में काननू लाकर मंदिर बनावायेंगे, किसानों की पूर्ण कर्जमाफी और युवाओं को रोजगार देने का वादा किया गया था. क्या चुनावी वादे को छोड़ दिया जाए?
1982 की बात
1982 में आरएसएस, वीएचपी और भाजपा ने मिलकर राम मंदिर का संकल्प लिया. जनसमर्थन मिला और बहुमत भी प्राप्त हुआ. भाजपा ने पालमपुर के अधिवेशन में प्रस्ताव पारित कर कहा कि बहुमत मिलने पर राम मंदिर बनाएंगे. हमने चार साल में तीन बार राम मंदिर के मसले पर बिठा कर कहा कि राम मंदिर पर समय तय करने का काम किया जाए. तब भी मुझे कहते थे कि संसद में कानून लायेंगे, लेकिन छह महीने से कह रहे हैं कि संसद में कानून बनाने की बात करना बंद कर दो. तो हमने कहा कि मैं पद पर रहूं या नहीं मैं अपनी बात सबके सामने रखना नहीं छोड़ूंगा. सुप्रीम कोर्ट का फैसला जो भी आये. लेकिन 1993 के कानून को देखें तो राम मंदिर के बगल में मस्जिद भी बनेगी.
गुजरात दंगों पर क्या बोले तोगड़िया?
कार्यक्रम में तोगड़िया ने कहा कि 2002 की घटना अयोध्या से लौट रहे 58 कारसेवकों को जलाने की वजह से हुई. जिन्होंने जिंदा जलाया उन्होंने ही दंगों का बीज बोने का काम किया. यदि कोई हनुमान की पूंछ जलाता है और लंका दहन हो जाता है तो इसके लिए हनुमान को जिम्मेदार ठहराना गलत है. आग लगाने वाला इसके लिए जिम्मेदार है. वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि 1972 से मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़ा था. 2002 के दंगों में 300 हिंदू पुलिस की गोलियों से मारा गया. सिर्फ मुसलमान नहीं मरे. 50 हजार हिंदू जेल भेजे गये. आज भी सैकड़ों लोग जेल में हैं. सत्ता तो आपको (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) मिली.
क्या 2019 में नरेंद्र मोदी को देंगे झटका ?
प्रवीण तोगड़िया ने 2019 में भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि यदि प्रवीण तोगड़िया को मुख्यमंत्री बनना होता तो 2001 में ही पद ले चुका होता. हमने समाज को जगाया है. वह अपना वादा पूरा करें. करते हैं तो अच्छा. वरना हिंदुओं की इच्छा पूर्ति के लिए हम निकलेंगे. मेरे बड़े भाई, गुजराती में मोटे भाई (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी). जो 1972 से मेरे घर में आते थे, स्कूटर पर बैठते थे, साथ में खाते थे. इमरजेंसी में ‘अंधेरे में दो प्रकाश अटल बिहारी-जय प्रकाश’ जैसे नारे दिवारों पर लिखते थे. उनको (मोदी) मैंने पत्र लिखा. मैंने उनके वादे को याद दिलाने का काम किया. तोगड़िया ने कहा कि एफडीआई, आधार, किसान कर्जमाफी, मनरेगा, राम मंदिर सभी मसलों पर मोदी सरकार ने यू-टर्न लिया. मजदूरों के खिलाफ काननू लाने का काम सरकार ने किया. लाखों मजदूर सड़क पर आ गये. तोगड़िया ने कहा कि जो भी मांग है रोजगार, मंदिर, किसान कर्जमाफी जैसे मुद्दे पूरे नहीं हुए तो मैं 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी जी के साथ खड़ा नहीं रहूंगा. मैं जनता के बीच जाऊंगा. मैं चाहूंगा कि सरकार वादे पूरे करे और हमें जनता के बीच जाने का मौका न मिले. अगर हम जनता के बीच गये तो कौन-कहां होगा यह भारत की जनता तय करेगी.
Prabhat Khabar Digital Desk
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