इस्लामाबाद : पाक मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल डॉ आरिफ अलवी को मंगलवार को पाकिस्तान का नया राष्ट्रपति चुन लिया गया है. पेशे से डेंटिस्ट 69 वर्षीय अलवी ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार ऐतजाज अहसन और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन के उम्मीदवार मौलाना फजल उर रहमान को त्रिकोणीय मुकाबले में मात दी और देश के 13वें राष्ट्रपति बने.
अनाधिकारिक नतीजों के हवाले से डॉन न्यूज ने बताया कि नेशनल असेंबली और सीनेट में पड़े कुल 430 मतों में से अलवी को 212 मत मिले, अहसन को 131 और रहमान को 81 मत मिले. छह मत खारिज कर दिये गये. अखबार के अनुसार, बलूचिस्तान के नव निर्वाचित सांसदों के डाले गये 60 मतों में से अलवी को 45 मत मिले. पीपीपी के प्रभाववाली सिंध विधानसभा में अहसन को 100 मत मिले, जबकि अलवी को 56 मतों से संतोष करना पड़ा. रहमान के पक्ष में केवल एक मत पड़ा. खैबर पख्तूनख्वा विधानसभा में अलवी को कुल 109 में से 78 मत मिले, वहीं रहमान और अहसन को क्रमश: 26 और पांच मत मिले.
निवर्तमान राष्ट्रपति ममनून हुसैन का कार्यकाल आठ सितंबर को समाप्त हो रहा है. उन्होंने राष्ट्रपति के तौर पर एक और कार्यकाल के लिए इस चुनाव में खड़े होने से इनकार कर दिया था. पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने सोमवार को इस चुनाव की सारी तैयारियां पूरी कर ली थी. सभी चार प्रांतीय विधानसभाओं के साथ ही साथ नेशनल एसेंबली में मतदान केंद्र बनाये गये थे. मुख्य चुनाव आयुक्त सरदार रजा खान रिटर्निंग ऑफिसर के रूप में इस चुनाव की देखरेख कर रहे थे. विपक्षी पार्टियों द्वारा संयुक्त रूप से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित करने पर आम सहमति नहीं बन पायी थी जिसके बाद यह मुकाबला त्रिकोणीय हो गया था.
रहमान पीएमएल-एन, मुताहिदा मजलीस-ए-अमल (एमएमए), अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी), पख्तुनख्वा मिली अवामी पार्टी (पीकेएमएपी) और नेशनल पार्टी के संयुक्त उम्मीदवार थे. नेशनल एसेंबली में पीटीआई की संख्याबल मजबूत होने और खैबर पख्तुनख्वा और पंजाब में भी स्थिति मजबूत रहने के साथ ही बलूचिस्तान में सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थन की वजह से अलवी मजबूत स्थिति में थे. ऐसा कहा जाता है कि वह इमरान खान के राजनीतिक करियर के दौरान उनके साथ डटे रहे थे. विपक्षी दलों में मतभेद की वजह से इनके आसानी से चुनाव जीतने की संभावना पहले से ही थी.

