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यूपी निकाय चुनाव : तीसरे चरण का मतदान संपन्न, करीब 53 फीसद मतदान

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण में 26 जिलों में आज छुटपुट घटनाओं के बीच करीब 53 फीसद मतदान पड़ा. तीनों चरणों में औसतन कुल 52.50 प्रतिशत मतदान हुआ. राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल ने यहां संवाददाताओं को बताया कि अंतिम चरण में 26 जिलों में पांच नगर […]

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण में 26 जिलों में आज छुटपुट घटनाओं के बीच करीब 53 फीसद मतदान पड़ा. तीनों चरणों में औसतन कुल 52.50 प्रतिशत मतदान हुआ. राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल ने यहां संवाददाताओं को बताया कि अंतिम चरण में 26 जिलों में पांच नगर निगमों, 76 नगर पालिका परिषदों तथा 152 नगर पंचायतों के विभिन्न पदों के लिये करीब 53 प्रतिशत मत पड़े. तीनों चरणों को समग्र रूप से देखें तो औसतन लगभग 52.50 प्रतिशत हुआ. वर्ष 2012 में 46.2 फीसद मतदान हुआ था.

उन्होंने बताया कि सबसे कम मत प्रतिशत नगर निगम क्षेत्रों में है. नगर निगम में औसतन 41.26 प्रतिशत मतदान हुआ है. वहीं नगर पालिकाओं में 58.15 फीसद और नगर पंचायतों में 68.30 प्रतिशत हुआ है. सबसे कम इलाहाबाद में 30.47 प्रतिशत मत पड़े. इस चरण में सहारनपुर, बागपत, बुलन्दशहर, मुरादाबाद, सम्भल, बरेली, एटा, फिरोजाबाद, कन्नौज, औरैया, कानपुर देहात, झांसी, महोबा, फतेहपुर, रायबरेली, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, कुशीनगर, मऊ, चंदौली, जौनपुर तथा मिर्जापुर में मतदान हुआ.

अग्रवाल ने बताया कि इस बार नगरीय निकाय चुनावों में कुल 36273 मतदान केंद्र बनाये गये और सिर्फ तीन में पुनर्मतदान की आवश्यकता पड़ी. वहीं, वर्ष 2012 में 33797 मतदान केंद्र में से 17 पर पुनर्मतदान हुआ था. इस दफा चुनाव ड्यूटी के दौरान एक भी मतदानकर्मी की मृत्यु नहीं हुई.

मतदान के दौरान इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को लेकर हुई शिकायतों का जिक्र करते हुए अग्रवाल ने कहा कि आयोग ने इस बार निकाय चुनाव में 32374 ईवीएम लगायी थीं. मानक के अनुसार दो प्रतिशत तक ईवीएम बदलना सामान्य बात है. इस दफा 503 ईवीएम विभिन्न कारणों से बदली गयीं. यह केवल 0.7 प्रतिशत है. इन 503 में से लखनऊ में ही 250 ईवीएम बदली गयी हैं. बहरहाल, ईवीएम को लेकर जो माहौल बनाया गया है, वह सही नहीं है. इसे बेवजह तूल दिया गया है.

मतदाता सूची में गड़बड़ी के सवाल पर निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि आयोग ने निर्णय लिया था कि जिन मतदाताओं ने वर्ष 2015 के पंचायत चुनावों में वोट डाला था, उनका नाम नगरीय निकायों की मतदाता सूची से काट दिया जायेगा. मगर किसी मतदाता का नाम गलत तरीके से काटा जाना अपराध है.

एटा से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जिले में कई स्थानों पर फर्जी मतदान की शिकायतें मिलीं. अलीगंज में सोसाइटी की मतदान केंद्र संख्या पांच पर दो पक्षों में हुई फायरिंग में वसीम नामक व्यक्ति घायल हो गया. वसीम के पुत्रों ने इस मामले में अलीगंज से विधायक सत्यपाल सिंह राठौर के दो पुत्रों पर आरोप लगाये हैं.

सकीट क्षेत्र में फर्जी आधारकार्ड बनाये जाने की सूचना पर देर शाम सपा प्रत्याशी के पति गौतम सिंह को हिरासत में ले लिया गया। इसी तरह निधौलीकलां में मतदान में व्यवधान डालने के आरोप में निवर्तमान चेयरमैन के पुत्र जानी गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया. मऊ से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक जिले में मतदान के दौरान बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) को पीटे जाने और नगर क्षेत्र में फर्जी मतदान से नाराज नगर पालिका परिषद मऊ के भाजपा प्रत्याशी संजीव जायसवाल ने अपने समर्थकों के साथ शहर कोतवाली में हंगामा किया और जिला प्रशासन के खिलाफ नारे लगाये. बाराबंकी में फर्जी वोट डालते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया गया.

इसके अलावा बाराबंकी के शहर के नगर कोतवाली स्थित पीरबटावन मुहल्ले में वार्ड नंबर 26 पर पुलिस ने मतदाताओं पर बल प्रयोग किया. आरोप है कि पुलिस ने बूथ के पास कुर्सियां लगाये पोलिंग एजेंट को भी पीटा. तीसरे चरण के मतदान के लिये लिये कुल 3599 मतदान केंद्र और 10 हजार 817 मतदेय स्थल बनाये गये थे. मतदान के दौरान सुरक्षा के लिये 40 कंपनी केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल, 71 कंपनी पीएसी बल, 361 इंस्पेक्टर, 7333 दारोगा, 4590 हेड कांस्टेबल, 36 हजार 111 कांस्टेबल तथा 14191 होमगार्ड्स जवान तैनात किये गये थे.

मालूम हो कि नगरीय निकाय चुनाव का पहले चरण का मतदान 22 नवंबर को और दूसरे चरण का मतदान 26 नवंबर को हुआ था. मतों की गिनती एक दिसंबर को होगी.

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