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सरकारी बैंकों के 25 प्रतिशत एटीएम ऐसे जहां रहता है फ्रॉड का खतरा, जानें पूरा ब्यौरा

निजी बैंक एटीएम का ब्यौरा उपलब्ध नहींसाल भर में 861 करोड़ ट्रांजेक्शन, 25 हजार फ्रॉड की शिकायत नयी दिल्ली : सरकारी बैंकों के 25 प्रतिशत एटीएम पर ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी का खतरा रहता है. इस समय 74 प्रतिशत कैश देने वाली मशीनें आउटडेटेड सॉफ्टवेयर से संचालित हो रही हैं. यह जानकारी, संसद में एक […]

निजी बैंक एटीएम का ब्यौरा उपलब्ध नहीं
साल भर में 861 करोड़ ट्रांजेक्शन, 25 हजार फ्रॉड की शिकायत

नयी दिल्ली : सरकारी बैंकों के 25 प्रतिशत एटीएम पर ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी का खतरा रहता है. इस समय 74 प्रतिशत कैश देने वाली मशीनें आउटडेटेड सॉफ्टवेयर से संचालित हो रही हैं. यह जानकारी, संसद में एक प्रश्न के जवाब में सामने आयी है. ऐसे एटीएम में आधुनिक सिक्यूरिटी फीचर का उपयोग नहीं किया जाता है. हालांकि इस संबंध में सरकार ने निजी सेक्टर से संचालित बैंकों के ब्यौरे को नहीं साझा किया है. देश में ज्यादातर एटीएम मशीनें निजी सेक्टर के बैंकों के द्वारा संचालित की जा रही हैं. करीब 89 प्रतिशत एटीएम इस श्रेणी में आती हैं.

हालांकि हाल के सालों में निजी सेक्टरों के बैंकों ने तेजी से विकास किया है, लेकिन अभी भी 70 प्रतिशत बैंकिंग कारोबार सरकारी बैंकों के हाथ में ही है.

हाल के दिनों में एटीएम फ्राड के मामले बढ़े हैं और रिजर्व बैंक ने इस संबंध में गाइडलाइन जारी किये हैं. इसमें बैंकों को सॉफ्टवेयर अपडेट करने व शिकायतों की सुनवाई की सलाह दी गयी. जुलाई 2017 से जून 2018 के बीच डेबिट व क्रेडिट कार्ड फ्रॉड की 25 हजार से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई. हालांकि इस एक साल की अवधि में कुल 861 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए, जिसमें फ्रॉड की यह संख्या बहुत छोटी बतायी जा रही है.


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