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शायर मुनव्वर राना ने किया ट्‌वीट-भारत में 35 करोड़ इंसान और 100 करोड़ जानवर रहते हैं, अब हो रहे ट्रोल…

उर्दू के मशहूर शायर मुनव्वर राना भाजपा नेता संबित पात्रा के नाम एक ट्‌वीट कर चर्चा में हैं और उन्हें लगातार ट्रोल किया जा रहा है. दरअसल मुनव्वर राणा ने लिखा है- डियर संबित, कांग्रेस की जवानी में तो आप गब्हे पे रहे होंगे (गब्हे का मतलब आप उड़ीसा में नहीं यूपी में पूछना). लेकिन कोरोना पर सरकार की नाकामी ने मेरी इस बात को सही साबित किया कि भारत में 35 करोड़ इंसान और 100 करोड़ जानवर रहते हैं, जो सिर्फ वोट देने के काम आते हैं.

उर्दू के मशहूर शायर मुनव्वर राना भाजपा नेता संबित पात्रा के नाम एक ट्‌वीट कर चर्चा में हैं और उन्हें लगातार ट्रोल किया जा रहा है. दरअसल मुनव्वर राणा ने लिखा है- डियर संबित, कांग्रेस की जवानी में तो आप गब्हे पे रहे होंगे (गब्हे का मतलब आप उड़ीसा में नहीं यूपी में पूछना). लेकिन कोरोना पर सरकार की नाकामी ने मेरी इस बात को सही साबित किया कि भारत में 35 करोड़ इंसान और 100 करोड़ जानवर रहते हैं, जो सिर्फ वोट देने के काम आते हैं. मुनव्वर यह कहना चाह रहे हैं कि भाजपा सरकार कोरोना से निपटने में नाकाम साबित हुई है. उन्होंने संबित पात्रा को कहा है कि कांग्रेस के शासनकाल में तो अब गोद में रहे होंगे यानी बच्चे रहे होंगे.

मुनव्वर राना का यह ट्‌वीट सामने आते ही उन्हें ट्रोल किया जाने लगा. ट्रोल करने वालों ने उन्हें सांप्रदायिक बता दिया है और उनपर जमकर छींटाकशी कर रहे हैं. सुनील लोखांडे लिखते हैं- चाचा आप घुसपैठियों का जोड़ लगाना भूल गये, उन्हें भी आप ट्वीट में स्थान दें उनका भी योगदान है इस देश को गर्त में पहुंचाने में.

वहीं करनदीप पांडेय लिखते हैं- डियर चचा, हम ये पूछ रहे थे कि चिकित्सकों पर थूकने वाले आदमी थे या जानवर? नर्सों से अश्लीलता करने वाले इंसान या जानवर? आपने इसकी गिनती कैसे की? कोई लॉजिक समझ नहीं आया.

1- मोदी को 100 करोड़ लोगों ने वोट नहीं दिया होगा!

2- शांतिप्रिय मजहबी तो 25-30 करोड़ ही है!

चचा ये गणित जरूर समझाना.

ट्रोल होने के बाद मुनव्वर राना ने सफाई देते हुए फिर ट्‌वीट किया कि उनके ट्‌वीट को गलत तरीके से तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है वो गलत है. मेरे कहने का मतलब यह था कि यहां 35 करोड़ वो लोग हैं जो ख़ुशहाल हैं, और 100 करोड़ लोग ऐसे हैं जो जीवन की बुनियादी जरूरतों से भी मरहूम हैं.

मुनव्वर राना उर्दू के जाने-माने शायर हैं, जिनके शायरी की पहुंच आम लोगों तक है. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुआ, लेकिन उन्होंने अपना ज्यादा समय कोलकाता में बिताया.

उन्हें उर्दू साहित्य में लेखन के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है. हालांकि उन्होंने सहिष्णुता के मुद्दे पर अपना अवार्ड वापस कर दिया था.

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