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Corona Lockdown : भूल कर भी न करें गलतियां, हो सकती है एक साल की सजा

PM Modi द्वारा Lockdown में ढील देने की घोषणा के एक दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA)ने इसको लेकर गाइडलाइंस जारी कर दी है. मंत्रालय ने अपने गाइडलाइंस में लॉकडाउन तोड़ने वालों के लिए सख्त कानून बनाया है.

नयी दिल्ली : पीएम मोदी द्वारा लॉकडाउन में ढील देने की घोषणा के एक दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसको लेकर गाइडलाइंस जारी कर दी है. मंत्रालय ने अपने गाइडलाइंस में लॉकडाउन तोड़ने वालों के लिए सख्त कानून बनाया है. गाइडलाइंस में कहा गया है कि जो भी लोग नीचे दिये गये नियमों को तोड़ेगा उसे एक साल या उससे की सजा हो सकती है. साथ ही सरकार ने इसके लिए सभी जिलाधिकारी को अधिकृत कर दिया है. बता दें कि मंत्रालय द्वारा जारी यह गाइडलाइंस 20 अप्रैल से लागू होगी.

गृह मंत्रालय ने अपने गाइडलाइंस में उन विषयों पर भी सख्त कानून लागू किया है, जो हाल में काफी चर्चित रहा. आइये जानते हैं कौन से नियम का उल्लघंन करने पर एक साल तक की सजा हो सकती है.

1. सरकारी अधिकारी और कर्मचारी से दुर्व्यवहार करना पड़ेगा भारी- केंद्र सरकार ने अपने गाइडलाइंस में कहा है कि सरकार द्वारा अधिकृत कोई भी कर्मचारी या अधिकारी से दुर्व्यवहार करना कानून के उल्लंघन के दायरे में आ सकता है. ऐसा करने वाले शख्स को एक साल की सजा या जुर्माना हो सकता है.

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2. झूठे दावे करने वालों पर- मंत्रालय ने गाइडलाइंस में कहा है कि जो भी शख्स महामारी या उसके रिलीफ को लेकर झूठा दावा किया तो यह भी कानून के उल्लंघन माना जायेगा. ऐसे स्थिति में दोषी शख्स को एक साल की सजा हो सकती है.

3. अफवाह वालों पर कसेगा शिकंजा– लॉकडाउन के दौरान फेक न्यूज, फेक सूचना और अफवाह फैलाने वालों को एक साल या उससे अधिक जेल की हवा खानी पड़ सकती है. मंत्रालय ने कहा कि ऐसी विषम परिस्थिति में फेंक न्यूज फैलाना कानूनन जुर्म है.

4. ड्यूटी से गायब रहने वाले अधिकारी नपेंगे- सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस में कहा गया है कि जो भी अधिकारी कोरोनावायरस के जंग में ड्यूटी पर लगाये गये हैं और उस दौरान वे गायब पाये जाते हैं तो, उनपर सख्त कार्रवाई की जायेगी. ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों पर एक साल की सजा या जुर्माना लगाया जा सकता है.

जिलाधिकारी को अधिकार- गृह मंत्रालय ने अपने गाइडलाइंस में सजा देने के लिए सभी जिलों के मजिस्ट्रेट यानी जिलाधिकारी को अधिकृत कर दिया है. किसी भी तरह की स्थिति पर नियंत्रण पाने कै लिए जिलाधिकारी स्वतः फैसला ले सकते हैं.

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