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Friday, March 29, 2024

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कोरोना वैक्सीन आ जाने के बाद क्या है देश की तैयारी ? इस तरह से होगी सप्लाई

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने लोकसभा में बोलते हुए कहा था कि 2021 में कोरोना वायरस (Corona vaccine) का टीका तैयार हो जायेगा. पर इस बाद जो सबसे बड़ी चुनौती यह है कि कोरोना की दवा बन जाने के बाद इसे आम लोगों तक पहुंचने में कितना समय लगेगा. क्योंकि अगर वैक्सीन का ट्रायल पूरा हो जायेगा और वैज्ञानिक इस पर अपनी मुहर भी लगा देंगे उसके बाद भी इसे आम लोगों को तक पहुंचने में समय लगेगा. पर इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार ने भी तैयारी कर रखी है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने लोकसभा में बोलते हुए कहा था कि 2021 में कोरोना वायरस का टीका तैयार हो जायेगा. पर इस बाद जो सबसे बड़ी चुनौती यह है कि कोरोना की दवा बन जाने के बाद इसे आम लोगों तक पहुंचने में कितना समय लगेगा. क्योंकि अगर वैक्सीन का ट्रायल पूरा हो जायेगा और वैज्ञानिक इस पर अपनी मुहर भी लगा देंगे उसके बाद भी इसे आम लोगों को तक पहुंचने में समय लगेगा. पर इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार ने भी तैयारी कर रखी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही अपने भाषण में इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि कोरोना वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन से लेकर इसे आम जनता तक पहुंचाने के लिए सरकार ने रोड मैप बना लिया है.

सवाल अब बात सामने आ रही है कि अगर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल सफलतापूर्वक हो जाता है और दवा बन जाती है तो उसे देश की जनता तक पहुंचने में कितना वक्त लगेगा. हालांकि लोकसभा में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना वैक्सीन बनने के बाद आम लोगों तक पहुंचने में थोड़ा वक्त जरूर लगेगा. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इसके उत्पादन में वक्त लगेगा. वैक्सीन का उत्पादन होने के बाद इसके बेहतर रखरखाव पर भी ध्यान देना होगा. इसे बहुत ही कम तापमान में रखना होगा ताकि लंबे समय तक यह वैक्सीन इस्तेमाल के योग्य रहे. इसकी तैयारी की गयी है.

कोरोना का संपूर्ण इलाज वैक्सीन ही कर सकती है. उम्मीद यह जतायी जा रही है कि वर्ष 2021 के अंत तक बड़े पैमाने पर वैक्सीन का उत्पादन शुरू हो जायेगा. वहीं सीरम संस्थान के मुख्य कार्यकारी अडार पूनावाला ने कहा था कि वर्ष 2024 के अंत तक ही भारत में सभी के लिए कोरोना की दवा उपलब्ध हो सकती है.

सरकार की तैयारी

भारत में यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) के तहत एक इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (eVIN) है. “डिजिटल प्रणाली के माध्यम से टीका के स्टॉक की रियल टाइम जानकारी मिलती है. देश के अलग-अलग स्थानों पर टीके का भंडारण करने के लिए 25,000 डेडिकेटेड कोल्ड चेन पॉइंट्स बनाये गये हैं. डिजिटल रिकॉर्ड रखने और 24,000 और इलेक्ट्रॉनिक तापमान लॉगर के नेटवर्क में लगभग 42,000 कोल्ड चेन हैंडलर हैं. इंडिया टूडे के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि इस कोल्ड चेन में मेडिकल और एग्रीकल्चर कोल्ड चेन को शामिल करने का भी विकल्प होगा. कई मंत्रालय और प्राधिकरण इस काम पर हैं. वैक्सीन प्रबंधन के लिए एक राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह काम कर रहा है जो टीकाकरण, वितरण तंत्र, कोल्ड चेन और संबंधित बुनियादी ढांचे के लिए जनसंख्या समूहों के प्राथमिकता पर सरकार का मार्गदर्शन कर रहा है.

Posted By: Pawan Singh

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