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खुलासा! पाकिस्तान को सेना के मूवमेंट की जानकारी देता था ISI एजेंट आफताब

लखनऊ/मुंबई : उत्तर प्रदेश एटीएस ने पाकिस्तानी उच्चायोग और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ को भारतीय सेना की गोपनीय सूचनाएं देनेवाले तीन एजेंटों को गिरफ्तार किया है. यूपी के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) आदित्य मिश्र ने बताया कि फैजाबाद से बुधवार को आफताब अली को गिरफ्तार गया था. उससे पूछताछ के आधार पर मुंबई से अल्ताफ […]

लखनऊ/मुंबई : उत्तर प्रदेश एटीएस ने पाकिस्तानी उच्चायोग और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ को भारतीय सेना की गोपनीय सूचनाएं देनेवाले तीन एजेंटों को गिरफ्तार किया है. यूपी के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) आदित्य मिश्र ने बताया कि फैजाबाद से बुधवार को आफताब अली को गिरफ्तार गया था. उससे पूछताछ के आधार पर मुंबई से अल्ताफ कुरैशी (राजकोट निवासी) को गिरफ्तार किया गया, जो आफताब के खाते में धन भेजता था. एक अन्य संदिग्ध आइएसआइ एजेंट जावेद (मुंबई निवासी) को गुरुवार को मुंबई में गिरफ्तार किया गया.

फैजाबाद में पकड़ा गया आइएसआइ का एजेंट

जावेद हवाला डीलर है, जिसके माध्यम से पैसा आया था. मिश्र ने बताया कि मुंबई में पकड़े गये दोनों अभियुक्तों की ट्रांजिट रिमांड की कोशिश की जा रही है. एक-दो दिन में उन्हें लखनऊ लाया जायेगा. उन्होंने बताया कि आइएसआइ एजेंटों की गतिविधियों के भंडाफोड़ में ‘मिलिटरी इंटेलिजेंस’ से काफी अधिक सहयोग मिला. एटीएस ने लगातार निगरानी के बाद आफताब को पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर फैजाबाद से गिरफ्तार किया, जबकि मुंबई से दो अन्य एजेंट गिरफ्तार हुए. ये आइएसआइ और पाक उच्चायोग को सेना की गोपनीय सूचनाएं देते थे.

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पाकिस्तानी अफसर मेहरबान के कहने पर गया लाहौर

मिश्र ने बताया कि आफताब को पाकिस्तानी उच्चायोग का अधिकारी मेहरबान अली मिला. मेहरबान के कहने पर आफताब एक मई, 2014 को पहली बार वाघा बार्डर पार कर लाहौर गया. फिर कराची में अपनी नानी के घर तीन महीने रहा. वहीं, उससे आइएसआइ के एजेंट मेहरबान के कहने पर मिला और उसे प्रशिक्षण दिलाया. 29 नवंबर, 2014 को वापस भारत आकर वह मेहरबान से मिलता रहा. हालांकि, मेहरबान अली को पिछले साल निष्कासित कर दिया गया था.

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सेना की गतिविधियों को करता था साझा

मिश्र ने बताया कि आफताब फोन पर सेना की गतिविधियों के बारे में बात करता था. वह फैजाबाद और लखनऊ में सैन्य गतिविधियां, उनकी बटालियनों की नियुक्ति, सैन्य प्रतिष्ठान, ट्रेन से सेना की रेजिमेंट के जाने का समय, अमृतसर में सेना की पलटन की संख्या जैसी जानकारियां साझा करता था. सूचनाओं के बदले आफताब के खाते में अल्ताफ धन जमा करता था. यह पूछने पर कि क्या इस प्रकरण में भारतीय सेना के किसी अधिकारी को फांसने के लिए महिलाओं को इस्तेमाल (हनी ट्रैप) किया गया, तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई जानकारी नहीं है. हमारे पास सिर्फ फोटो और फोन ब्योरे से जुड़े साक्ष्य हैं.

मेरा बेटा बेगुनाह, उसे फंसाया जा रहा है

अल्ताफ कुरैशी के परिजनों ने गुरुवार को दावा किया कि वह बेगुनाह है. उसे सरकार के एक षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है. कुरैशी गुजरात के राजकोट जिले के धोराजी नगर का रहनेवाला है. कुरैशी की मां जरीनाबानू ने कहा कि मेरा पुत्र बेगुनाह है. वह ऐसी गतिविधियों में लिप्त नहीं हो सकता. ऐसा लगता है कि किसी ने उसे फंसाया है. वह बहुत ही साधारण व्यक्ति है. वहीं, उसका भाई मुनाफ ने कहा कि अल्ताफ जैसे बेगुनाह लोगों को फंसाना सरकार का एक षड्यंत्र है. यदि वह आइएसआइ से जुड़ा था, उसके लिए काम करने वाले अन्य कहां हैं? केवल अल्ताफ ही क्यों? ऐसा कैसे है कि केवल वह ही आइएसआइ के लिए काम कर रहा था.

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