9.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

भारत में धर्मनिरपेक्षता और कट्टरवाद के विचारों के बीच टकराव

बेंगलुरु : बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने कहा कि भारत में टकराव हिंदुत्व और इस्लाम के बीच नहीं बल्कि धर्मनिरपेक्षता और कट्टरवाद के विचारों के बीच है. तस्लीमा ने एक वीडियो संदेश में कहा ‘भारत में टकराव है, यह टकराव धर्मनिरपेक्षता और कट्टरवाद के दो विभिन्न विचारों के बीच है. मैं उनसे सहमत नहीं हूं […]

बेंगलुरु : बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने कहा कि भारत में टकराव हिंदुत्व और इस्लाम के बीच नहीं बल्कि धर्मनिरपेक्षता और कट्टरवाद के विचारों के बीच है. तस्लीमा ने एक वीडियो संदेश में कहा ‘भारत में टकराव है, यह टकराव धर्मनिरपेक्षता और कट्टरवाद के दो विभिन्न विचारों के बीच है. मैं उनसे सहमत नहीं हूं जो सोचते हैं कि टकराव हिंदुत्व और इस्लाम के बीच है.’

उन्होंने कहा ‘मेरे लिए यह टकराव मूलत: तर्कसंगत तार्किक सोच और तर्कहीन अंधी आस्था के बीच है. मेरे लिये यह टकराव आधुनिकता और आधुनिकता के विरोध के बीच, मानवतावाद और बर्बरता के बीच, नवाचार और परंपरा के बीच है.’ तस्लीमा ने कहा ‘कुछ लोग जहां आगे जाने का प्रयास करते हैं तो कुछ पीछे जाने की कोशिश में होते हैं. यह टकराव उनके बीच है जो स्वतंत्रता को महत्व देते हैं और जो नहीं देते.’

बांग्लादेश की लेखिका का रिकॉर्डेड वीडियो संदेश बेंगलूर साहित्य महोत्सव 2015 में ‘क्या हम आज एक असहिष्णु भारत की ओर बढ रहे हैं ?’ विषय पर आयोजित एक सत्र के दौरान दिखाया गया. उन्होंने कहा कि भारत मूलत: असहिष्णु देश नहीं है. इसका संविधान और कानून असहिष्णुता और कट्टरता पर आधारित नहीं हैं लेकिन यह सच है कि धार्मिक समूहों में कुछ लोग असहिष्णु हैं और यह बात हर समाज में आम है.

तस्लीमा ने कहा कि समानता और न्याय, विचारों की बहुलता, अभिव्यक्ति की स्वंतत्रता और भारत को प्रेम करने पर विचार करने वाले लोगों को चाहिए कि इस देश को बेहतर स्थान बनाएं. बांग्लादेशी लेखिका ने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप के समाजों में असहिष्णुता है और यह नई बात नहीं है. पितृसत्ता वाले समाज में महिलाएं पीडित होती हैं, वे यौन उत्पीडन, बलात्कार, घरेलू हिंसा, दहेज मृत्यु और यौन दासता का शिकार होती हैं.

तस्लीमा ने कहा कि तर्कवादी की हत्या कर दिया जाना और गौमांस सेवन के लिए लोगों को मार डालना कोई असहिष्णुता नहीं है बल्कि मानवता के खिलाफ जघन्य अपराध हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वह उन लोगों से सहमत हैं जो मानते हैं कि हिंदुत्व के बहुलवाद को वहाबी हिंदुत्व नष्ट कर रहा है. उन्होंने कहा ‘कुछ हिंदू कट्टरपंथी मुस्लिम कट्टरपंथियों की तरह बनने की कोशिश कर रहे हैं.’

तस्लीमा ने कहा कि असहिष्णुता सभी धार्मिक समुदायों में है. ‘असहिष्णुता के कारण भारत विभाजित हुआ, असहिष्णुता के कारण मुझे अपना देश छोडने के लिए बाध्य होना पडा और असहिष्णुता के कारण मैं बंगाल से निकाली गई, मेरी किताबों पर प्रतिबंध लगा, मेरे टीवी सीरियल प्रतिबंधित हुए और 2008 में मैं भारत छोडने के लिए मजबूर हुई.’ उन्होंने कहा ‘मैं मानती हूं कि कोई भी देश अपने धर्मों की कट्टर प्रक्रियाओं की आलोचना किए बिना सभ्य नहीं बना, देश और धर्म को अलग किए बिना कोई भी देश या समाज आधुनिक नहीं बना.’

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel