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Nirbhaya Case Breaking News : फांसी से बचने के लिए दोषी विनय ने चली अब ये नयी चाल

Nirbhaya Case : दोषी विनय ने सजा-ए-मौत को उम्रकैद में बदलने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास याचिका दायर की

नयी दिल्‍ली : निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में चारों दोषियों में से एक विनय शर्मा ने बचाव के लिए अब नयी चाल चला है. दोषी विनय ने सजा-ए-मौत को उम्रकैद में बदलने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास याचिका दायर की है. उसके वकील एपी सिंह ने सीआरपीसी की धारा 432 और 433 के तहत याचिका फाइल की है.

वहीं दोषी मुकेश सिंह ने शुक्रवार 6 मार्च को उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर अपने कानूनी उपाय बहाल करने का अनुरोध किया था. दोषी का आरोप है कि उसके वकील ने उसे गुमराह किया था. वकील मनोहर लाल शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में मुकेश सिंह ने आरोप लगाया है कि केन्द्र , दिल्ली सरकार और न्याय मित्र की भूमिका निभाने वाली अधिवक्ता वृन्दा ग्रोवर ने ‘आपराधिक साजिश’ रची और ‘छल’ किया है जिसकी सीबीआई से जांच करायी जानी चाहिए.

गौरतलब है कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में चारों दोषियों की फांसी तीन बार टलने के बाद 20 मार्च की नयी तारीख निर्धारित की है. दोषियों को 2013 में फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद इस मामले ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने निर्देश दिया कि मुकेश कुमार सिंह (32),पवन गुप्ता(25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31)को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे मृत्यु होने तक फांसी पर लटकाया जाए. मामले के सभी दोषियों को यहां तिहाड़ जेल में एक साथ फांसी दी जानी है.

अदालत के इस कदम के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, 20 मार्च की सुबह हमारे जीवन का सवेरा होगा. उन्होंने कहा कि दोषियों को फांसी दिए जाने तक संघर्ष जारी रहेगा और उन्होंने उम्मीद जताई कि 20 मार्च फांसी की आखिरी तारीख होगी. उन्होंने यह भी कहा कि यदि मौका मिला तो वह दोषियों को मरते देखना चाहेंगी.

मालूम हो चारों दोषियों को 3 मार्च को फांसी दी जानी थी. इस तरह, मृत्यु वारंट अब तक तीन बार टालना पड़ा था. राष्ट्रपति ने मुकेश, विनय और अक्षय की दया याचिकाएं पहले ही खारिज कर दी हैं. मामले में चारों दोषियों और एक किशोर सहित छह व्यक्ति आरोपी के तौर पर नामजद थे. छठे आरोपी राम सिंह ने मामले की सुनवाई शुरू होने के कुछ दिनों बाद तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.

एक सुधार गृह में तीन साल गुजारने के बाद 2015 में किशोर को रिहा कर दिया गया था. ज्ञात हो निर्भया से 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली में एक चलती बस में सामूहिक बलात्कार किया गया था और उस पर बर्बरता से हमला किया गया था. निर्भया की बाद में सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में मौत हो गयी थी, जहां उसे बेहतर चिकित्सा के लिए ले जाया गया था.

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