नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में बच्चियों के कथित यौन शोषण को लेकर भाजपा और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला और कहा कि यदि नीतीश को शर्म आ रही है तो वह दोषियों पर तुरन्त कार्रवाई करें.
वहीं मंच पर मौजूद राजद नेता तेजस्वी यादव ने मुजफ्फरपुर बलात्कार कांड की पीड़ित बच्चियों की जान को खतरा बताते हुये इस मामले की जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में कराने की मांग की. मुजफ्फरपुर मामले को लेकर जंतर-मंतर प्रदर्शन में शामिल हुए राहुल गांधी ने कहा, आज अत्यंत दुःख की घड़ी है. आज हम सिर्फ उन 40 बेटियों ही नहीं बल्कि देश की प्रत्येक महिला की सुरक्षा के लिये आये हैं.
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उन्होंने कहा कि देश के अंदर ऐसा माहौल बना दिया गया है कि हर वर्ग पर हमला हो रहा है. मीडिया के साथियों को भी धमकाया जा रहा है. उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा है. कांग्रेस उनके साथ है. गांधी ने बिहार के मुख्यमंत्री एक बयान का हवाला देते हुए कहा, अगर नीतीश कुमार को शर्म आ रही है तो दोषियों पर तत्काल कार्रवाई करें.
उन्होंने कहा, देश में एक तरफ़ भाजपा-आरएसएस है दूसरी तरफ़ विपक्ष है जो देश की साझा संस्कृति को बचाने के लिये खड़ा हो गया है. गांधी के संबोधन के बाद मुजफ्फरपुर में एक बच्ची की कथित हत्या को लेकर एक मिनट का मौन रखा गया.
* तेजस्वी यादव ने कहा, आरोपी को संरक्षण दे रही है नीतीश सरकार
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने मुजफ्फरपुर बलात्कार कांड की पीड़ित बच्चियों की जान को खतरा बताते हुये इस मामले की जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में कराने की मांग की है. यादव ने मुजफ्फरपुर कांड के विरोध में आज जंतर- मंतर पर विपक्षी दलों के साझा विरोध प्रदर्शन और कैंडिल मार्च में हिस्सा लेते हुये बिहार में कानून व्यवस्था की बदहाली के लिये नीतीश सरकार को जिम्मेदार ठहराया.
उन्होंने इस जघन्य मामले की पीड़ित बच्चियों की सुरक्षा पर भी संदेह जताते हुये कहा कि पीड़ित बच्चियों को घटना के बाद कहां रखा गया है, वे किस हाल में हैं, किसी को कुछ नहीं मालूम. यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी और इस मामले के आरोपी ब्रजेश ठाकुर को जिस तरह राज्य सरकार का संरक्षण मिला है, उसे देखकर यह कहने में कोई गुरेज नहीं कि आरोपियों को बचाने के लिये असली पीड़ित बच्चियों को गायब भी किया जा सकता है. इसके मद्देनजर उन्होंने पीड़ित बच्चियों को दिल्ली में रखकर इनकी सुरक्षा पुख्ता कराने और उच्चतम न्यायालय की निगरानी में मामले की जांच कराने की मांग की.
* केजरीवाल ने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की
प्रदर्शन में शामिल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मामले की तीन महीने में जांच मुकम्मल कर दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की. केजरीवाल ने कहा कि महिलायें सार्वजनिक स्थल और घरों में ही नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर भी सुरक्षित नहीं हैं.
उन्होंने इसे भाजपा प्रायोजित भय का वातावरण बताते हुये कहा कि भाजपा के राज में सोशल मीडिया पर उनकी अपनी ही महिला नेता सुरक्षित नहीं है. केजरीवाल ने नीतीश कुमार का नाम लिये बिना उन्हें आगाह करते हुये कहा एक निर्भया कांड ने तत्कालीन संप्रग सरकार का सिंहासन हिला दिया था. अब 40 बच्चियों के साथ वीभत्स दुराचार हुआ है, बिहार से लेकर दिल्ली और पूरे देश में जनता का गुस्सा साफ दिख रहा है.
* मांझी ने नीतीश सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन की मांग की
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने बिहार की नीतीश सरकार को बर्खास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की.
* सभी दल के नेताओं ने पीड़ित बच्चियों को शीघ्र न्याय दिलाने की मांग की
महिला सुरक्षा के मुद्दे पर प्रदर्शन के दौरान विपक्ष की एकजुटता प्रदर्शित करते हुये कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, आप के संजय सिंह, माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के डी राजा, सपा सांसद तेज प्रताप यादव, सुरेन्द्र नागर, वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव और तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी, इनेलो के दुष्यंत चौटाला सहित अन्य दलों के नेता मौजूद थे. प्रदर्शन में शेहला रशीद और कन्हैया कुमार भी उपस्थित थे. प्रदर्शन के बाद सभी नेताओं ने पीड़ित बच्चियों को शीघ्र न्याय दिलाने की मांग करते हुये कैंडिल मार्च कर उनके प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की.
गौरतलब है कि नीतीश ने कल कहा था, मैं मुजफ्फरपुर में हुई घटना को लेकर दुखी हूं. मुझे ग्लानि हो रही है. हमारे समाज में किस तरह की विकृत मानसिकता के लोग रहते हैं. बिहार के सभी लोग इस तरह की भयावह घटना को लेकर शर्म महसूस करते हैं.
* क्या है पूरा मामला
मुजफ्फरपुर में बेसहारा लड़कियों के लिए बने आश्रय गृह में 34 नाबालिग लड़कियों से रेप का मामला सामने आया है. जिसमें तीन बच्चियों की मौत की बात भी कही जा रही है. गौरतलब हो कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में रह रही 44 लड़कियों में 42 की मेडिकल जांच कराए जाने पर उनमें से 34 के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई.
मुंबई की टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की ‘कोशिश’ टीम की सोशल ऑडिट रिपोर्ट में यह मामला सामने आया था. करीब 100 पेज की सोशल ऑडिट रिपोर्ट को टीम ने 26 मई को बिहार सरकार, पटना और जिला प्रशासन को भेजा. इसके बाद बालिका गृह से 46 किशोरियों को 31 मई को मुक्त कराया गया. इनको पटना, मोकामा और मधुबनी के बालिका गृह में भेजा गया.
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बालिका गृह का संचालन कर रही एनजीओ के लोग बच्चियों के साथ रेप करते थे. इस कांड में नेताओं की भागीदारी की बात भी सामने आई थी. मामले में ब्रजेश ठाकुर, बालिका गृह की अधीक्षिका इंदू कुमारी समेत 10 लोगों को जेल भेजा जा चुका है.