नयी दिल्ली: गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और गोरखालैंड मुद्दे के समाधान के लिए त्रिपक्षीय वार्ता की अपील की. टीम का नेतृत्व केंद्रीय मंत्री एसएस अहलुवालिया ने किया, जो लोकसभा में दार्जिलिंग का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्होंने सिंह के साथ बैठक को सार्थक बताया.
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जीजेएम केंद्रीय समिति के सदस्य स्वराज थापा ने बताया कि गृह मंत्री के साथ काफी सार्थक बैठक रही. हमने त्रिपक्षीय वार्ता की मांग रखी है और कुछ दिनों के अंदर सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद रखते हैं. उन्होंने कहा कि त्रिपक्षीय बैठक में केंद्र, पश्चिम बंगाल सरकार और जीजेएम को शामिल होना चाहिए. पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने दार्जिलिंग में गतिरोध पर चिंता जाहिर की और संकट खत्म करने के लिए केंद्र से हस्तक्षेप करने की मांग की.
प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाये कि पश्चिम बंगाल सरकार ने दार्जिलिंग में कानून-व्यवस्था के नाम पर पुलिस अत्याचार करवाये और लोकतांत्रिक आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया था. दार्जिलिंग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दार्जिलिंग शहर के बाद अब मिरिक और कुर्सियांग में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होती जा रही है. दोनों स्थानों पर करीब तीन महीने बाद मंगलवार को कई दुकानें, बाजार और सरकारी कार्यालय फिर से खुले.
पुलिस ने बताया कि अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर जीजेएम द्वारा चलाये जा रहे अनिश्चितकालीन बंद का विरोध करते हुए दार्जिलिंग की पहाड़ियों में दुकानें और बाजार फिर से खुल रहे हैं. बंद मंगलवार को 97वें दिन भी जारी रहा. दार्जिलिंग शहर में दुकानें और बाजार खुलने के कुछ दिनों बाद मिरिक और कुर्सियांग में भी ऐसा देखने को मिला.