राजगीर. ऐतिहासिक, धार्मिक, आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण विश्व विख्यात पर्यटन स्थल राजगीर के पांडू पोखर पर्यटन के क्षेत्र में एक नयी पहचान बनाने की ओर अग्रसर है. पांडू पोखर को सजाने और संवारने का कार्य लगातार चल रहा है. यहां नवंबर से वाटर लेजर लाइट व साउंड शो शुरू किया जायेगा. यह पर्यटकों के आकर्षण का नया केंद्र बनेगा. लेजर शो कार्यक्रम को अमलीजामा पहनाने के लिए बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के अधिकारी और कर्मी लगातार कार्य कर रहे हैं. देश-दुनिया से आने वाले सैलानी और श्रद्धालु अब जल्द ही पांडू पोखर में म्यूजिकल फाउंटेन का लुत्फ उठायेंगे. इस अत्याधुनिक शो का उद्देश्य राजगीर के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, पुरातात्विक और प्राकृतिक धरोहर को आधुनिक तकनीक के माध्यम से प्रस्तुत करना है. वाटर लेजर लाइट एण्ड साउंड शो की विशेषता यह है कि इसमें पानी की धाराओं पर रोशनी और ध्वनि का अनूठा संयोजन होगा. वह सैलानियों व दर्शकों को जीवंत अनुभव करायेगा। इसका निर्माण पर्यटन विभाग द्वारा कराया जा रहा है. बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के कार्यपालक अभियंता करुनेश कुमार सिंह ने यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि पांडू पोखर परिसर में 200 से अधिक पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है, ताकि दर्शक आराम से इस लेजर लाइट एण्ड साउंड शो का आनंद उठा सकें. उन्होंने बताया कि इसमें कई तरह के लेजर लाइट शो रहेंगे. इसमें रेनबो शूटर जेट, हाई जेट, डांसिंग फंक्शन, इंसाइड एंड आउटसाइड ड्रॉप, डायमंड जेट, वाटर स्क्रीन, सनबुर्स्ट सहित कई तरह की लेजर लाइट लगायी जायेगी, जिसके जरिए लेजर लाइट एण्ड साउंड शो होगा. इसके माध्यम से मगध साम्राज्य राजगीर की गौरवशाली विरासत, पौराणिक कथाएं, बौद्ध और जैन परंपराएं, मौर्य और गुप्तकालीन संस्कृति तथा यहां की प्राकृतिक सुंदरता को दृश्यात्मक रूप में प्रदर्शित किया जाएगा. कार्यपालक अभियंता के अनुसार यह शो न केवल स्थानीय लोगों के लिए मनोरंजन का साधन बनेगा, बल्कि देश-विदेश से आने वाले सैलानियों को भी राजगीर के प्रागैतिहासिक और पारंपरिक इतिहास से जोड़ने का अवसर देगा। इस पहल से नालंदा और राजगीर क्षेत्र की पर्यटन क्षमता और मजबूत होगी. स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा. निगम के अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि वाटर लेजर लाइट एण्ड साउंड शो से राजगीर का पर्यटन स्तर विश्व पटल पर और सशक्त होगा.यहां आने वाले पर्यटक न सिर्फ प्रकृति और संस्कृति का आनंद लेंगे, बल्कि इतिहास के उन अनछुए पहलुओं से भी रूबरू होंगे, जिनसे यह धरती गौरवान्वित है.
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