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Mitti ke Ganesh : गणेश चतुर्थी पर ऐसे बनाएं मिट्टी के गणेश, जानें महत्व, श्रृंगार और पूजा की पूरी विधि

Mitti ke Ganesh banane ki vidhi, Ganesh Chaturthi : कोरोना (Coronavirus) और लॉकडाउन (Lockdown) के बीच देश भर में आज यानि 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) मनायी जा रही है. ऐसे में कई लोग घर पर ही गणपति की प्रतिमा भी बनाना चाह रहे होंगे. यही नहीं उनके प्रिय भोग मोदक समेत अन्य साज-सज्जा के सामग्री भी घर पर होगी. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे है मिट्टी के गणेश की प्रतिमा बनाने की विधि. आपको बता दें कि ऐसे भी गणपति प्रतिमा मिट्टी की ही होनी चाहिए. जिसमें पंचतत्व यानि भूमि, जल, वायु, अग्नि और आकाश विलीन करता हो.

Mitti ke Ganesh banane ki vidhi, Ganesh Chaturthi : कोरोना (Coronavirus) और लॉकडाउन (Lockdown) के बीच देश भर में आज यानि 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) मनायी जा रही है. ऐसे में कई लोग घर पर ही गणपति की प्रतिमा भी बनाना चाह रहे होंगे. यही नहीं उनके प्रिय भोग मोदक समेत अन्य साज-सज्जा के सामग्री भी घर पर होगी. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे है मिट्टी के गणेश की प्रतिमा बनाने की विधि. आपको बता दें कि ऐसे भी गणपति प्रतिमा मिट्टी की ही होनी चाहिए. जिसमें पंचतत्व यानि भूमि, जल, वायु, अग्नि और आकाश विलीन करता हो..

दरअसल, धार्मिक ग्रंथों और विशेषज्ञों की मानें तो मिट्टी से बनी मूर्ती में भी भगवान का वास होता है और भगवान भी इससे ही प्रसन्न होते है. इससे पूजा के दौरान सकारात्मक ऊर्जा मिलती है. ऐसे में आप इस शुभ मुहूर्त पर खुद के द्वारा बनायी गई प्रतिमा की स्थापना कर सकते हैं.

आपको बता दें कि देवी पार्वती ने पुत्र की इच्छा पर मिट्टी का पुतला ही बनाया था. जिसमें भगवान शिव ने प्राण डाला था. बाद में वही भगवान गणेश के रूप में प्रकट हुए थे. शिवपुराण में इसका विस्तार से वर्णन भी किया हुआ है.

कैसे बनाएं मिट्‌टी के गणेश

– सबसे पहले कुछ मिट्टी इकट्‌ठा कर लें

– फिर उन्हें अच्छी तरह साफ कर लें, अर्थात उसमें से कंकड़, पत्थर आदि निकाल दें,

– अब इसमें थोड़ा सा गाय का गोबर, हल्दी, घी, शहद, और पानी मिला दें,

– याद रहे कि बनाते समय गणेश जी का मंत्र जाप करना न भूलें, इस दौरान आप- ऊँ गं गणपतये नम: का मंत्र पढ़ सकते हैं,

– मंत्र जाप करते हुए मूर्ति को आकार दें,

– इस दौरान कोशिश करें की गणेशजी की सूंड थोड़ी टेढ़ी होनी चाहिए और वह दाईं और मुड़ी होनी चाहिए,

– याद रहें आपको गणेश जी की प्रतिमा के अलावा उनके वाहन अर्थात चुहे की आकृति भी बनानी होगी. ऐसी मान्यता है कि उनके बिना प्रतिमा अधूरी है,

– गणेश जी की ललाट पर चंद्रमा का आकार भी दें,

– उनके हाथों में पाश और अंकुश दोनों बनाएं. शास्त्रों के अनुसार गणेश जी की ऐसा ही रुप होती है.

कैसे करें मिट्टी के गणेश की स्थापना और पूजा

– सबसे पहले सुबह नहा लें,

– उसके बाद गिली मिट्टी से गणेश जी की मूर्ति बना लें,

– अब इसे सुखा दें,

– शुद्ध घी और सिंदूर, हल्दी, चंदन से उनका श्रृंगार कर दें,

– उन्हें जनेऊ पहनाएं,

– घर के उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित कर दें,

– धूप-दीपक जलाएं,

– फल-फूल उन्हें अर्पित करें और मोदक व लड्डुओं का भोग लगाएं,

– अब कपूर जलाकर उनकी आरती करें,

– 10 दिनों तक लगातार प्रतिदिन सुबह-शाम ऐसे ही पूजन करें,

– अनंत चतुर्दशी के दिन गण्पति मूर्ती का विसर्जन विधि-विधान से कर दें.

गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त

सुबह 11 बजकर 07 मिनट से दोपहर 01 बजकर 42 मिनट तक

दूसरा शाम 4 बजकर 23 मिनट से 7 बजकर 22 मिनट तक

रात में 9 बजकर 12 मिनट से 11 बजकर 23 मिनट तक

वर्जित चंद्रदर्शन का समय 8 बजकर 47 मिनट से रात 9 बजकर 22 मिनट तक

चतुर्थी तिथि आरंभ 21 अगस्त की रात 11 बजकर 02 मिनट से

चतुर्थी तिथि समाप्त 22 अगस्त की रात 7 बजकर 56 मिनट तक

Posted By : Sumit Kumar Verma

Prabhat Khabar Digital Desk
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