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सर्दी में बेहद लाभकारी है धूप, हर दिन बैठने से मजबूत होती है इम्यूनिटी, जानिए धूप लेने का सबसे सही समय

सर्दियों का मौसम दस्तक दे चुका है. पूरे साल लोग इस मौसम का बेसब्री से इंतजार करते हैं, जब बाजार में तरह-तरह की साग-सब्जियां और फलों की बहार होती हैं. इस मौसम की गुनगुनी धूप आनंददायक होने के साथ हड्डियों को मजबूती भी प्रदान करता है.

सर्दी के मौसम को सेहत के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है. इस मौसम में कम कसरत में भी ज्यादा कैलोरीज बर्न हो जाती हैं. दरअसल, ठंड का मौसम हमारे शरीर को गर्म रखने के लिए अधिक कैलोरी बर्न करने के लिए प्रेरित करता है. इस कारण हल्के-फुल्के एक्सरसाइज से भी ज्यादा कैलोरीज बर्न हो जाती हैं. इस प्रक्रिया को थरमोजेनेसिस कहा जाता है. ऐसे में यदि आप अपना फिटनेस गोल प्राप्त करना चाहते हैं, तो कुछ जरूरी सावधानियों के साथ कसरत की शुरुआत के लिए यह समय सर्वोत्तम साबित हो सकता है. इस समय डाइजेस्टिव सिस्टम भी अपनी पूरी क्षमता के साथ काम करता है, इसलिए अच्छा खाने और सेहत संवारने का सकारात्मक असर सिर्फ तन ही नहीं, बल्कि मन पर भी पड़ता है.

मिलता है धूप का तोहफा

गर्मियों में धूप जहां परेशान करती है, वहीं सर्दियों में धूप अच्छी लगने लगती है. धूप न सिर्फ शरीर के लिए बल्कि मन के लिए भी अच्छा टॉनिक है. यह प्राकृतिक तरीके से शरीर को विटामिन-डी का भरपूर डोज देती है, जो बहुत-सी बीमारियों से यूं ही निजात दिला देता है. यह अकेला विटामिन है, जो हमें बिना खाये कुदरती तरीके से मिल जाता है. कुदरत ने हमारे लिए इसे ठीक वैसे ही मुहैया करवाया है, जैसे- हवा, पानी आदि. सर्दियों में आधे घंटे के लिए भी धूप में बैठना आपको ऊर्जांन्वित करेगा.

सर्दी के मौसम का उठाएं लाभ

इस समय जहां फल-सब्जियों की बहार होती है, वहीं किसी भी तरह का खाना आसानी से पचाया जा सकता है. खनिज तत्व से भरपूर हरे साग इस मौसम में ही मिलते हैं.

पालक में आयरन और फॉलिक एसिड की मात्रा बहुतायत होने के साथ इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स भी होते हैं. आप पालक का इस्तेमाल साग के अलावा सूप में भी कर सकते हैं.

आमतौर पर लोगों की शिकायत होती है कि सर्दियों के दौरान उनका वजन बढ़ गया. दरअसल, इसके पीछे के बहुत से कारण होते हैं जैसे- सर्दियों के मौसम में बनने वाले बहुत से तले-भुने स्वादिष्ट व्यंजन, ज्यादा भूख लगना, शारीरिक गतिविधियां कम करना और मूड में लगातार परिवर्तन होते रहना. हालांकि, यह भी सच्चाई है कि सर्दियों के दौरान वजन को न सिर्फ संतुलित रखा जा सकता है, बल्कि वजन को आसानी से कम भी किया जा सकता है.

कैसे है वजन कम करने में सहायक

शरीर में दो प्रकार के फैट होते हैं- व्हाइट फैट और ब्राउन फैट. व्हाइट फैट सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है, वहीं ब्राउन फैट वह फ्यूल होता है, जिसे शरीर एनर्जी के लिए बर्न करता है. वैज्ञानिक शुरू से इसके तरीके खोज रहे हैं कि कैसे व्हाइट फैट को ब्राउन फैट में बदला जाये. द जर्नल ऑफ क्लिनिकल इनवेस्टिगेशन के अनुसार, ठंड के मौसम में यह काम अपने आप होता है, क्योंकि शरीर खुद को गर्म रखने के तरीके खोजता है और इसके लिए शरीर ब्राउन फैट को प्रोड्यूस करने लगता है. ऐसे में यह धारणा पूरी तरह सही नहीं है कि ठंड में वजन बढ़ जाता है. यदि आप संतुलित आहार लेते हैं और नियमित व्यायाम करते हैं, तो इस मौसम में शरीर पहले से ज्यादा स्वस्थ्य रहेगा.

गहरी नींद के लिए अनुकूल मौसम

अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफॉर्मेशन के अनुसार, सोने के लिए आदर्श तापमान 15.5 से 19 डिग्री होता है. यानी ठंड में गहरी नींद के लिए अनुकूल माहौल होता है. गहरी नींद का हमारी सेहत से सीधा रिश्ता होता है. दरअसल, हम बॉडी क्लॉक के अनुसार, खाते, सोते और अन्य काम करते हैं. यही पैटर्न इस बात को नियंत्रित करता है कि हम अपने काम कितने सामान्य रूप से कर पाते हैं. लेकिन, लगातार नींद प्रभावित होने की वजह से जब हमारे शरीर का यह क्लॉक गड़बड़ता है, तो सबसे बड़ा असर सेहत पर पड़ता है. इससे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

सर्दियों में खान-पान का हिस्सा हो सूप

इस मौसम में खुद को मौसमी बीमारियों से बचाने और स्वस्थ रखने के लिए अपने आहार में विटामिन-सी युक्त फल जैसे- संतरा, अंगूर, अमरूद, अनार, आंवला, सेब और नीबू आदि शामिल करें. सर्दियों में पालक खूब मिलता है. पालक में आयरन और फॉलिक एसिड की मात्रा बहुतायत होने के साथ भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट भी होते हैं. आप पालक का इस्तेमाल सब्जी के अलावा सूप और सलाद के तौर पर भी कर सकते हैं.

इसके साथ-साथ खान-पान में सूप को शामिल करना अच्छा विकल्प है. इसमें फाइबर और पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं और कैलोरी भी ज्यादा नहीं होती. इसे पीने से पेट भी जल्दी भर जाता है. मौसमी सब्जियों से बने गर्म तासीर वाले सूप पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. ये आपकी इम्यून पावर और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने का काम करते हैं. इनसे सर्दियों के मौसम में शरीर को हाइड्रेटेड रखने में भी मदद मिलती है.

धूप बढ़ाती है इम्युनिटी

कई अध्ययनों में यह बात सामने आयी है कि अगर शरीर में विटामिन-डी कम हो तो कई बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है. यानी विटामिन-डी की उपयोगिता हमारे सिर के बाल से लेकर पैर के नाखून तक में है. इसकी बड़ी वजह यह है कि विटामिन-डी हमारे शरीर की सभी कोशिकाओं में पाया जाता है. सभी जानते हैं कि विटामिन-डी हमें धूप से भरपूर मात्रा में मिलता है. सर्दियों का मौसम ही वह समय है, जब हमें धूप अच्छी लगती है. ऐसे में सर्दियों में शरीर को धूप

सर्दियों में सुबह 11 से 2 बजे के बीच धूप का आनंद लेने के लिए सबसे उपयुक्त समय होता है.

एक सामान्य आदमी को हर दिन कम-से-कम 30 से 35 मिनट तक धूप में जरूर बैठना चाहिए.

अगर रोज संभव न हो तो सप्ताह में 3 दिन या एक-एक दिन छोड़कर भी धूप में बैठकर विटामिन-डी ले सकते हैं. इससे भी शरीर का काम पूरा हो जायेगा और विटामिन-डी की कमी नहीं होगी.

चेहरे, गर्दन, पीठ, हाथ आदि पर धूप लगने दें. शरीर का ज्यादातर हिस्सा यथासंभव खुला रखें. अगर किसी को धूप से एलर्जी है तो वह लगातार धूप में न बैठे. बीच-बीच में 15 मिनट बाद 5 या 10 मिनट का ब्रेक ले लें.

सांवली त्वचा वालों को 10 से 15 मिनट धूप में ज्यादा बैठना चाहिए.

अगर आप बुजुर्ग हैं, तो 35 से 40 मिनट रोजाना धूप में जरूर बैठें.

आप बहुत ज्यादा समय के लिए भी धूप में न रहें. ऐसा करने से स्किन रैशेज आदि समस्याएं आ सकती हैं.

सावधानियां भी हैं जरूरी

सर्दी में अस्थमा के रोगियों की तकलीफ बढ़ जाती है. ऐसे में अधिक देर तक ठंड में घर से बाहर न रहें. बाहर जाते समय गला, नाक, कान और सिर को ढक कर रखें. साथ ही इनहेलर का प्रयोग करते रहें.

सर्दी के दिनों में जोड़ों में सूजन आने की समस्या बढ़ जाती है. नसों में सिकुड़न आती है. ऐसे में जोड़ों का दर्द या हड्डियों से जुड़ी कोई अन्य समस्या से बचे रहने के लिए व्यायाम करें. जितना हो सके, खुद को गर्म रखें.

जिनकी त्वचा ड्राइ है, उनमें स्किन रैशेज होने की समस्या अधिक बढ़ने लगती है. इससे बचने के लिए नहाने के बाद शरीर में मॉश्चराइजर या तेल लगाएं. नारियल का तेल भी बेहतर विकल्प हो सकता है.

विशेषज्ञों के अनुसार, जिन्हें उच्च रक्तचाप की शिकायत है, उन्हें इस मौसम में अधिक जागरूक रहने की आवश्यकता है. दरअसल, ठंड में पसीना नहीं आने से शरीर में नमक का स्तर बढ़ जाता है. इसी वजह से रक्तचाप भी बढ़ने लगता है. इन दिनों ब्लड प्रेशर सामान्य रहे, इसके लिए दवाओं का सेवन नियमित रूप से करें. प्रतिदिन एक्सरसाइज करें.

Posted by: Pritish Sahay

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