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बिहार के इस डॉक्टर के कारण कैंसर को मात देकर कई लोग जी रहे सामान्य जिंदगी

पटना के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. शेखर केसरी से इलाज के कआ लोग बिल्कुल सामान्य जिंदगी जी रहे हैं.मो. शाहिद कहते हैं कि वे डॉ. केसरी के इलाज से बेइंतहां संतुष्ट हैं.अगर डॉ. केसरी न होते तो शायद मैं भी न होता.

अगले सप्ताह विश्व स्वास्थ्य दिवस है.ऐसे में आज हम कैंसर जैसे गंभीर रोग की चर्चा करेंगे.वैसे मरीजों की जो कैंसर को हरा चुके हैं.पूर्णिया के रहने वाले 71 वर्षीय मो. शाहिद परवेज नाक के कैंसर से पूरी तरह ऊबर चुके हैं.वे बताते हैं कि पटना के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. शेखर केसरी से इलाज के बाद वे बिल्कुल सामान्य जिंदगी जी रहे हैं.मो. शाहिद कहते हैं कि वे डॉ. केसरी के इलाज से बेइंतहां संतुष्ट हैं.अगर डॉ. केसरी न होते तो शायद मैं भी न होता.

डॉ. शेखर ने इन्हें दी नई जिंदगी

यही कहानी आरा के 52 वर्षीय शैलेश कुमार भोला की है.उन्हें ब्रेन ट्यूमर हो गया था.जीवन का कोई भरोसा नहीं रह गया था.ऐसे में वो पारस अस्पताल में डॉ. शेखर से इलाज शुरू करवाए.बताते हैं कि डॉ. शेखर ने उन्हें नई जिंदगी दी है.

यूट्रेस की गंभीर बीमारी से बचाया

इसी तरह राजीव नगर, पटना की 60 वर्षीय बिसमिला खातून यूट्रेस की गंभीर बीमारी से बच निकलीं.वे कहती हैं कि उन्होंने न जाने कितने जगह इस बीमारी का इलाज कराया पर कहीं राहत नहीं मिली.आखिर में हम डॉ. शेखर केसरी के पास पहुंचे. उनके इलाज के बाद वो पूरी तरह ठीक हो चुकी हैं.

गंभीर बीमारी को गंभीर बनने ही नहीं दिया

बक्सर के सुदर्शन राय कैंसर को पीछे छोड़कर अब सामान्य जीवन जी रहे हैं.उन्होंने डॉ. शेखर केसरी से अपना इलाज कराया था.वे बताते हैं कि डॉ. केसरी ने बिल्कुल अपने घर के डॉक्टर की तरह व्यवहार किया.उन्होंने इस गंभीर बीमारी को गंभीर बनने ही नहीं दिया.

मरीजों को ठीक कर उन्हें जीने की राह दिखाई

मुश्किलों को मात देने वाली ये कहानियां हैं कैंसर के उन मरीजों की जो जीवन जीने की जिद छोड़ चुके थे.लेकिन आखिर में उनको साथ मिला कैंसर विशेषज्ञ डॉ. शेखर केसरी का.जिन्होंने इनके जैसे सैकड़ों कैंसर के मरीजों को ठीक कर उन्हें जीने की राह दिखाई.पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल, पटना में इलाज के बाद ये सभी मरीज अब सामान्य जीवन जी रहे हैं और डॉ. केसरी को अपना मसीहा मानते हैं.ये सभी मरीज डॉ. शेखर केसर के इलाज से बेहद संतुष्ट हैं और उन्हें दिल से धन्यवाद देते हैं.

इस बारे में डॉ. शेखर केसरी कहते हैं कि ज्यादातर केस में हम देखते हैं कि मरीज काफी इलाज और पैसा खर्च कर चुका होता है और उसका हौसला टूट चुका होता है.वह जब यहां पहुंचता है तो उसे भरोसा ही नहीं होता है कि वह ठीक हो पाएगा.लेकिन हम उन मरीजों की काउंसिलिंग करते हैं.उन्हें भरोसा दिलाते हैं कि आप ठीक हो सकते हैं.उनका समुचित इलाज करते हैं और उन्हें ठीक करते हैं.यहां यह बताना जरूरी है कि मरीज अगर पहले ही स्टेज में हमारे पास पहुंचें तो वे समय और पैसे की बर्बादी से बच सकते हैं.मरीज के इलाज में परेशानी भी कम होगी.मरीज अगर समय पर हमारे यहां पहुंचे तो हम उसे ऑपरेशन तक की स्थिति में भी जाने से बचाने की कोशिश करते हैं.

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