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साईं नाथ यूनिवर्सिटी दीक्षांत समारोह: राज्यपाल रमेश बैस बोले-छात्रों को ग्राहक नहीं समझें प्राइवेट इंस्टीट्यूट

राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि यहां से विद्यार्थियों के जीवन की नयी यात्रा शुरू होती है. आपके चेहरों पर उत्साह और जोश देखकर अन्य विद्यार्थी भी आप लोगों से प्रेरित होंगे. अब आप लोगों के सामने जीवन की असली चुनौतियां आएंगी जो आपके जीवन की दिशा और दशा तय करेंगी.

Sai Nath University Convocation: झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने साईं नाथ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कहा कि शिक्षा का काफी हद तक व्यवसायीकरण हो गया है. प्राइवेट शैक्षणिक संस्थान छात्रों को ग्राहक के रूप में देखते हैं. आप लोगों को इस बारे में भी चिंता करने के साथ-साथ संवेदनशील होना होगा, ताकि भारत की प्राचीन वैभवशाली शिक्षा प्रणाली के गौरव को वापस ला सकें. विश्वविद्यालय को आर्थिक रूप से कमजोर व प्रतिभावान विद्यार्थियों को निःशुल्क या कम शुल्क में शिक्षा प्रदान करने की दिशा में भी ध्यान देना चाहिए, ताकि कोई भी पैसों के अभाव में शिक्षा से वंचित न रहे.

अब जीवन की नयी यात्रा शुरू

राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि किसी भी विद्यार्थी के लिए ये यादगार पल होता है. यहां से विद्यार्थियों के जीवन की नयी यात्रा शुरू होती है. आपके चेहरों पर उत्साह और जोश देखकर अन्य विद्यार्थी भी आप लोगों से प्रेरित होंगे. अब आप लोगों के सामने जीवन की असली चुनौतियां आएंगी जो आपके जीवन की दिशा और दशा तय करेंगी. युवाओं के आदर्श व प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद का विचार था कि हर मनुष्य के जीवन में लक्ष्य का होना बहुत जरूरी है. पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था कि छात्रों को लक्ष्य ऊंचा रखना चाहिए. वे छात्र-छात्राओं को सपने देखने के लिए कहते थे और कहते थे कि सपने वे नहीं जो रात में आते हों, सपने वे हैं जो आपको सोने नहीं दे और मंजिल हासिल करने के लिए प्रेरित करें.

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समय पर डिग्री मिले व दीक्षांत समारोह हो

राज्यपाल ने कहा कि शिक्षण संस्थानों में आधारभूत संरचना मौजूद हो. यूजीसी द्वारा निर्धारित मापदण्डों का हर हालत में पालन हो. एक निश्चित एकेडमिक कैलेंडर हो और उसका अनुपालन भी हो. समय पर परीक्षा का संचालन एवं रिजल्ट का प्रकाशन हो ताकि विद्यार्थियों को सही समय पर डिग्री प्राप्त हो. विश्वविद्यालयों द्वारा समय पर डिग्री दिया जाना चाहिए और समय पर ही दीक्षांत समारोह आयोजित किए जाने चाहिए. आप लोग नई शिक्षा नीति लागू करें, जो प्राचीन समृद्ध भारतीय शिक्षा पद्धति से प्रेरित है और जिसमें छात्रों के व्‍यक्तित्‍व के समग्र और सम्‍पूर्ण विकास को केन्‍द्र में रखा गया है. इस शिक्षा नीति का मकसद भारत को ज्ञान के क्षेत्र में एक वैश्विक महाशक्ति बनाना है. पिछले वर्षों में मोनिका वर्मा एवं सुजाता महतो का चयन न्यायिक सेवा में हुआ है. उन्हें बधाई. अन्य छात्र-छात्राएं भी अपनी मंजिल को हासिल करने के लिए इनसे प्रेरित होंगे.

शिक्षा का हुआ व्यवसायीकरण

कृषि विज्ञान के क्षेत्र में यहां विद्यार्थियों के द्वारा इंस्पायर अवार्ड हासिल किया गया है. उन्हें इस उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई. खेलकूद में भी विश्वविद्यालय की भूमिका सराहनीय रही है. खुशी है कि यहां के कई छात्र-छात्रायें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके हैं. शिक्षा का काफी हद तक व्यवसायीकरण हो गया है. प्राइवेट शैक्षणिक संस्थान छात्रों को ग्राहक के रूप में देखते हैं. आप लोगों को इस बारे में भी चिंता करने के साथ-साथ संवेदनशील होना होगा, ताकि भारत की प्राचीन वैभवशाली शिक्षा प्रणाली के गौरव को वापस ला सकें. किसी भी शिक्षण संस्थान को अपने सामाजिक दायित्वों का पालन करना चाहिए और आसपास के गांवों के विकास के लिए सक्रिय रहना चाहिए. मुझे खुशी है कि इस विश्वविद्यालय ने उन्नत भारत अभियान के तहत कुछ गांवों को गोद लिया है. आप इन गांवों के विकास की दिशा में इस प्रकार का समर्पण दिखाएं कि लोगों का स्नेह आपको मिले और आपसे अन्य विश्वविद्यालय भी प्रेरणा लें.

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प्रतिभावान छात्रों को पढ़ाई करें मदद

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय को आर्थिक रूप से कमजोर व प्रतिभावान विद्यार्थियों को निःशुल्क या कम शुल्क में शिक्षा प्रदान करने की दिशा में भी ध्यान देना चाहिए, ताकि कोई भी पैसों के अभाव में शिक्षा से वंचित न रहे. यहां के एनसीसी के कैडेटों द्वारा सक्रिय भागीदारी को बखूबी निभाना व स्वास्थ्य तथा स्वच्छता के क्षेत्र में लोगों को जागरूक करना समाज हित में सार्थक कहा जा सकता है. एनसीसी के कैडेटों ने गणतंत्र दिवस परेड, नई दिल्ली में राज्य का प्रतिनिधित्व भी किया है.

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