Success Story in Hindi: बिहार में जब इंजीनियरिंग कॉलेजों की बात होती है तो लोगों के दिमाग में सबसे पहला नाम आईआईटी पटना या एनआईटी पटना का आता है. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि पटना जिले के बख्तियारपुर में भी एक सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज है- बख्तियारपुर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (बीसीई).
साल 2016 में शुरू हुआ यह कॉलेज चंपापुर के देदूर गांव में स्थित है. शुरुआत में इसके बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं थी, लेकिन अब यह कॉलेज धीरे-धीरे अपनी पहचान बना रहा है. प्लेसमेंट के मामले में भी यहां के छात्र अब आईआईटी और एनआईटी के छात्रों को टक्कर देने लगे हैं.
इस कहानी में हम आपको एक ऐसी होनहार छात्रा से मिलवाएंगे जिसने इसी कॉलेज से पढ़ाई की और अपनी मेहनत से माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनी में नौकरी पाई. आइए जानते हैं कैसे वह एक छोटे से गांव के कॉलेज से निकलकर दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में जगह बनाई.
राधा गुप्ता ने सत्र 2018 से 2022 में बिहार के पटना के बख्तियारपुर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की है. साधारण कॉलेज और सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने बड़ा सपना देखा और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी में काम करने का सपना देखा. उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से इस सपने को पूरा भी किया.
Success Story: छोटी शुरुआत, बड़ी मंजिल
राधा ने अपने करियर की शुरुआत जेमिनिड सिस्टम्स और जुबिलेंट लाइफ साइंसेज लिमिटेड जैसी कंपनियों से की. इसके बाद उन्होंने विजुअल बीआई सॉल्यूशंस और थॉटवर्क्स जैसी नामी कंपनियों में काम किया. हर कदम पर उन्होंने नई तकनीक सीखी और खुद को बेहतर बनाया. आज वे माइक्रोसॉफ्ट के हैदराबाद ऑफिस में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम कर रही हैं.
Radha Gupta: माइक्रोसॉफ्ट तक पहुंचना आसान नहीं था
उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट जॉइन करने के लिए कई बार आवेदन किया, इंटरव्यू दिए और असफल भी रहीं. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. उनके निरंतर अभ्यास, सही मार्गदर्शन और आत्मविश्वास ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया.
टेक्नोलॉजी का बेहतरीन ज्ञान
राधा ने कई प्रोग्रामिंग भाषाओं और तकनीकों में महारत हासिल की है. इनमें पायथन, जावा, जावास्क्रिप्ट, रिएक्ट, टाइपस्क्रिप्ट, एचटीएमएल, सीएसएस और एडब्ल्यूएस जैसी क्लाउड टेक्नोलॉजी शामिल हैं. उन्हें मशीन लर्निंग और सिस्टम डिजाइन का भी अनुभव है.
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अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन
राधा न केवल सीखती हैं, बल्कि दूसरों को सिखाने में भी विश्वास रखती हैं। वह बॉसकोडर नामक प्लेटफॉर्म पर मेंटर हैं और स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन की फाइनलिस्ट भी रह चुकी हैं।
Bakhtiyarpur College of Engineering in Hindi: राधा की सलाह
वह नए इंजीनियरों को एक भाषा में महारत हासिल करने, डीएसए (डेटा स्ट्रक्चर और एल्गोरिदम) पर ध्यान केंद्रित करने और सिस्टम डिजाइन को समझने की सलाह देती हैं. साथ ही, मॉक इंटरव्यू और अभ्यास के जरिए आत्मविश्वास बढ़ाएं.
राधा गुप्ता की कहानी बताती है कि अगर आपके दिल में जुनून है, तो बिहार के एक साधारण कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद भी आप एक अच्छे मुकाम पर पहुंच सकते हैं और कोई भी सपना असंभव नहीं है.
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