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SRN ग्रुप रांची में बना रहा है 300 एकड़ में स्मार्ट सिटी, हेल्प दि पीपुल्स गाॅड हेल्प यू है मूलमंत्र

एसआरएन ग्रुप के अस्पताल में पति-पत्नी और दो बच्चों का इलाज मुफ्त कराया जायेगा. स्मार्ट सिटी में 5-5 डिसमिल की जमीन बेची जा रही है. एक ब्लाॅक में 100 लोग रहेंगे और कुल 36 ब्लाॅक यहां बनाये जा रहे हैं.

एसआरएन ग्रुप ने रांची के पिठोरिया में एक स्मार्ट सिटी बनाने की शुरुआत की है. एसआरएन ग्रुप का यह स्मार्ट प्रोजेक्ट 300 एकड़ में फैला हुआ है. इस स्मार्ट सिटी में रहने वाले लोगों को अस्पताल, स्कूल, पार्क और मंदिर की सुविधा मिलेगी. इस संबंध में एसआरएन ग्रुप के चेयरपर्सन डाॅ नवल शर्मा ने बताया कि हमारा मूलमंत्र है-हेल्प दि पीपुल्स गाॅड हेल्प यू.

अस्पताल में मिलेगी मुफ्त इलाज की सुविधा

नवल शर्मा ने बताया कि तीन हजार एकड़ के इस प्रोजेक्ट का काम अभी फेज वन में है. इस स्मार्ट सिटी में प्लाॅट बुक कराने वालों को यहां स्कूल, अस्पताल, पार्क और मंदिर की सुविधा मिलेगी. एसआरएन ग्रुप के अस्पताल में पति-पत्नी और दो बच्चों का इलाज मुफ्त कराया जायेगा. स्मार्ट सिटी में 5-5 डिसमिल की जमीन बेची जा रही है. एक ब्लाॅक में 100 लोग रहेंगे और कुल 36 ब्लाॅक यहां बनाये जा रहे हैं.

एसआरएन ग्रुप आम लोगों के लिए बनाता है प्रोजेक्ट

एसआरएन ग्रुप का गठन आम लोगों का जीवन सहज बनाने के लिए किया गया है. यही वजह है कि यह ग्रुप उनसे जुड़े प्रोजेक्ट पर काम करता है. एक ओर जहां एसआरएन ग्रुप आवासीय परियोजनाओं का निर्माण करता है वहीं एसआरएन ग्रुप एजुकेशन सोसाइटी आम लोगों को शिक्षित करने का काम कर रहा है.

बोकारो में बना पहला स्मार्ट सिटी

एसआरएन ग्रुप ने झारखंड में अपना पहला प्रोजेक्ट बोकारो में शुरू किया है. अभी वहां का प्रोजेक्ट निर्माणाधीन है. बोकारो में एसआरएन ग्रुप ने जैनामोड़ में स्मार्ट सिटी का निर्माण किया है, जिसका काम अब अपने फाइनल स्टेज में है. एसआरएन ग्रुप के स्मार्ट सिटी में 24 घंटे बिजली की सुविधा दी जायेगी. साथ ही यहां सोलर लाइट की सुविधा भी है. इसके अलावा चौड़ी सड़कें, खेलने के लिए जगह, स्कूल, जिम, कम्युनिटी हॉल, पाइप द्वारा गैस सप्लाई, प्यूरीफाइड वाटर, मॉल, अस्पताल, सौ प्रतिशत सिक्यूरिटी के इंतजाम सहित साफ-सफाई की उचित व्यवस्था भी होगी.

मेंबरशिप प्लान में शामिल लोगों को मिलती है कई सुविधाएं

एसआरएन ग्रुप आम लोगों की सहायता के लिए एक मेंबरशिप प्लान भी चला रहा है. इस प्लान के तहत आम लोगों को एसआरएन ग्रुप का सदस्य बनाया जाता है. न्यूनतम सदस्यता शुल्क 25 हजार रुपये है. जो भी इस शुल्क को देकर सदस्य बनते हैं उन्हें एसआरएन ग्रुप की तरफ से कई तरह की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं. मसलन उनके लिए लोन की सुविधा है. साथ ही अगर विपरीत परिस्थिति में कोई मेंबर अपनी जमीन को बेचना चाहता है, तो एसआरएन ग्रुप उनसे वह जमीन दोगुने कीमत में खरीद भी लेती है. डाॅ शर्मा ने बताया कि तीन साल के बाद शुल्क भरने वालों को एसआरएन ग्रुप का स्थायी सदस्य बना लिया जाता है.

एसआरएन ग्रुप की यह है खासियत

एसआरएन सोसाइटी की स्थापना 2007 में एसआरएन ग्रुप के चेयरमैन डॉ नवल शर्मा ने की है. उनके माता-पिता के नाम पर इस ग्रुप का नाम एसआरएन ग्रुप रखा गया है. एसआरएन का फुल फॉर्म सुरेश रेखा नवल है. आज कुल मिलाकर सात राज्यों में यह संस्था काम कर रही है, जिनमें बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा शामिल हैं. अबतक कुल साढ़े चार हजार लोग एसआरएन ग्रुप के सदस्य बन चुके हैं. एसआरएन ग्रुप कई तरह के सामाजिक कार्यों जैसे जरूरतमंदों को भोजन कराना और कंबल वितरण का आयोजन भी करता है. एसआरएन ग्रुप ने एसआरएन एजुकेशन सोसाइटी के तहत 2007 में बोकारो के जैना मोड़ में एसआरएन पब्लिक स्कूल की स्थापना की थी. वहीं धनबाद के कतरास में अस्पताल खोला गया. एसआरएन एजुकेशन की तहत बंगाल के पुरुलिया जिले के पुनदाग में बीएस काॅलेज की स्थापना की गयी. 2014 में एसआरएन स्मार्ट सिटी की शुरुआत की गयी. बिहार के गया में इसी साल इंटर काॅलेज खोला जायेगा. एसआरएन ग्रुप ने अपनी इंडस्ट्री की शुरुआत भी कर दी है और इसके तहत आटा, बेसन, सत्तू और मादा का उत्पादन किया जा रहा है.

एसआरएन ग्रुप के कुछ संचालित प्रोजेक्ट हैं-

1. एसआरएन एजुकेशन सोसाइटी

2. एसआरएन एजुकेशनल ट्रस्ट

3. एसआरएन पब्लिक स्कूल

4. एसआरएन काउंसिलिंग सेंटर

5. एसआरएन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर

6. एसआरएन नर्सिंग स्कूल

7. एसआरएन वृद्धा और अनाथ आश्रम

एसआरएन ग्रुप कुछ नये प्रोजेक्ट को भी शुरू करने वाला है , जो इस प्रकार है:-

1. एसआरएन न्यूज

2. एसआरएन कॉलेज

3. एसआरएन इंडस्ट्री

4. एसआरएन यूनिवर्सिटी

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