कोरोना संक्रमण के ने हेल्थ इश्योरेंस को लेकर लोगों को जागरुक किया है. इस बीमारी की वजह से कई लोगों को अपना घर अपनी जमीन तक बेचनी पड़ी है. ऐसे में हेल्थ इश्योरेंस को लेकर लोग जागरुक हो रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल है कि कौन सा प्लान लें, कौन - कौन सी जानकारी जरूरी है और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. आइये हम इन सवालों के जवाब जानते हैं एक्सपर्ट श्वेताब वत्स से
सवाल - हेल्थ इश्योरेंस को लेकर जागरुकता कितनी बढ़ी है ?
जवाब- कोरोना संक्रमण की वजह से इसे लेकर जागरुकता तो बढ़ी है. वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के आंकड़े बताते हैं कि 31 प्रतिशत अरबन औऱ 47 फीसद लोग रुलर इलाके से ऐसे थे कि उन्हें या तो संपत्ति बेचनी पड़ी है उच्च ब्याज दर पर लोन लेना पड़ा है. हमारी लाइफ स्टाइल भी बदली है इसलिए जरूरी है कि हेल्थ इश्योरेंस लिया जाये. इसमें टैक्स में भी छूट मिलती है.
सवाल - हेल्थ इश्योरेंस कैसे लिया जाये, आय के आधार पर यह कैसे तय करेंगे
जवाब- भारत सरकार की तरफ से आयुष्मान भारत एक वरदान की तरह है. इसके लिए बीपीएल कार्ड होना जरूरी है. जो भी लोग बीपीएल में हैं उन्हें यह सुविधा प्राप्त है. मध्यम वर्ग के लोगों के लिए आरोग्य संजीवनी है. इसमें कम कीमत पर यह सुविधा है. सारी कंपनी को इसे बेचना है.
सवाल- हेल्थ इश्योरेंस लेते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
जवाब- हमें यह सोचना है कि हम कितने का इश्योरेंस लें. हमें भविष्य को देखते हुए इश्योरेंस लेना चाहिए. हमें किसी भी तरह की बीमारी है तो छुपाना नहीं चाहिए. इससे परेशानी हो सकती है. कई बार बीमा बेचने वाले लोग यह नहीं बताते. हमारे लिए बीमा के सभी नियमों को पढ़ना मुश्किल है. हमें सवाल करना चाहिए कि हमें क्या - क्या नहीं मिलेगा. कैशलेश नेटवर्क होना जरूरी है. इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए. इसमें सारे बड़े अस्पताल नेटवर्क में आते हों इसका ध्यान रखा जाना चाहिए. इसमें कमरे का चार्ज भी जुड़ा होना चाहिए.
सवाल- आयुष्मान भारत को लेकर लोगों के मन में अब भी कई सवाल हैं. कैसे योजना लें कैसे लाभ लें?
जवाब- आयुष्मान भारत को लेकर जो आर्हता है अगर आप उसे पूरा करते हैं तो आपको आसानी से इसका लाभ मिल सकता है. हर अस्पताल में इसे लेकर मदद के लिए अलग डेस्क है.
सवाल- अगर कोई व्यक्ति किसी कंपनी में काम करता है तो कंपनी की तरफ से उसे स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलता है, क्या उसे अलग से भी हेल्थ इश्योरेंस लेने की जरूरत है ?
जवाब- बिल्कुल लेना चाहिए, अगर आप किसी कंपनी में काम करते हैं तो लाभ मिलता है लेकिन ग्रुप बीमा को लेकर कई तरह की दिक्कत है. कई बार कंपनी अपनी सुविधा के आधार बीमा लेते हैं. अगर प्रीमियम बढ़ने लगा तो प्लान बदल सकता है या किसी साल बीमा नहीं लेना है. ऐसे में जरूरी है कि आप एक हेल्थ इश्योरेंस जरूर ले लें.
सवाल- हेल्थ इश्योरेंस में कौन- कौन सी प्रमुख बीमारी कवर नहीं होती ?
जवाब- हेल्थ इश्योरेंस में पहला 30 दिन वेटिंग पीरियड होता है. इसके अलावा कई बीमारी जिसमें मोतियाबिंद, गोल ब्लाडर स्टोन जैसी 12 से 13 बीमारी के लिए 2 से 3 साल का होता है. अगर किसी बीमारी से पहले से ग्रसित हैं तो इसके लिए चार साल का वक्त होता है. अल्कोहल या ड्रग्स के मामले में कवर नहीं होगा, जन्म से जुड़ी बीमारियां कवर नहीं होती. आपदा, या जंग में कवर नहीं मिलती.
सवाल - क्या कोरोना के लिए अलग इश्योरेंस हैं
जवाब- इसके लिए कोरोना कवच पॉलिशी है. इसमें एक से पांच लाख तक का कवर मिलता है.