19.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Jharkhand News: जड़ी-बूटी का भंडार है लुगु पर्वत, बरगद पेड़ की जड़ से टपकता है पेट के रोगों को दूर करने वाला पानी

संताली समुदाय की आस्था के सबसे बड़े केंद्र लुगु पर्वत के बारे में कहा जाता है यहां जड़ी-बूटियों का अकूत भंडार है. यहां एक ऐसा बरगद का पेड़ है, जिसकी जड़ से पानी टपकता रहता है. इस जल का सेवन करने से पेट के सारे रोग ठीक हो जाते हैं. बरगद का यह पेड़ छरछरिया झरना, जिसे सीता झरना भी कहा जाता है, के पास है.

बेरमो, महुआटांड़ (राकेश वर्मा, रामदुलार पंडा) : संताली समुदाय की आस्था के सबसे बड़े केंद्र लुगु पर्वत के बारे में कहा जाता है यहां जड़ी-बूटियों का अकूत भंडार है. एक ऐसा बरगद का पेड़ है, जिसकी जड़ से पानी टपकता रहता है. इस जल का सेवन करने से पेट के सारे रोग ठीक हो जाते हैं. बरगद का यह पेड़ छरछरिया झरना, जिसे सीता झरना भी कहा जाता है, के पास है.

इस विशाल बरगद के पेड़ की जड़ के शोर से बूंद-बूंद पानी टपकता रहता है. संताली समाज के लोग कहते हैं कि इस पानी को पीने से पेट की बीमारियां ठीक हो जाती हैं. यहां प्रकृति का सौंदर्य देखते ही बनता है. पहाड़, नाला, गुफा, मंदिर सब कुछ यहां है. लुगु पहाड़ पर गुफा, ऋषि नाला, इंद्र गुफा, शिव-पार्वती का मंदिर, साधु डेरा, चिरका, छरछरिया झरना के अलावा गगनचुंबी लुगु पहाड़ है. इस पहाड़ को लुगुबाबा की देन माना जाता है.

संताली धर्म गुरुओं का कहना है कि हजारों साल पूर्व उनके पूर्वज इस जगह पर जुटे थे. कई माह तक उन लोगों ने चट्टान पर बैठकर अपनी संस्कृति व सभ्यता पर मंत्रणा की थी. इन चट्टानों को अब चट्टानी दरबार के नाम से जाना जाता है. यहां चट्टान में उखल बनाकर अनाज की कुटाइ करके उनके पूर्वजों ने भोजन किया था. लुगु पहाड़ पर हर दिन श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है.

Also Read: लुगुबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ में हैं संतालियों की जड़ें, यहीं बने थे सारे रीति-रिवाज, कोरोना के कारण अंतर्राष्ट्रीय सरना महाधर्म सम्मेलन स्थगित

विशेष कर शिवरात्रि, कार्तिक पूर्णिमा, मकर सक्रांति के दिन यहां भव्य मेला लगता है. पूजा स्थल पर दूर-दराज से भजन मंडलियां भी आती हैं, जो लुगुबाबा का गुणगान करती हैं. संतालियों के आराध्य की उपासना का प्रमुख धार्मिक केंद्र जाहेरगढ़ (सरना स्थल) होता है. यहां सखुआ के बड़े-बड़े पेड़ होते हैं. यहां संताली अपने सभी देवी-देवताओं का आह्वान कर उनकी पूजा करते हैं. सरहुल हो सोहराय सभी जाहेरगढ़ में मनाते हैं.

Undefined
Jharkhand news: जड़ी-बूटी का भंडार है लुगु पर्वत, बरगद पेड़ की जड़ से टपकता है पेट के रोगों को दूर करने वाला पानी 3

संताली समाज के लोग यहां सबसे पहले मरांग बुरु, फिर जाहेर आयो, लीट्टा गोसाईं, मोड़े को और तुरुई को देवी-देवताओं की पूजा करते हैं. खास बात यह भी है कि संताली अपनी उपासना में प्रकृति की सुरक्षा की मन्नत भी मांगते हैं. चूंकि, यहां सरना अनुयायी पूजा करते हैं, इसलिए इस स्थल को आम भाषा में सरना स्थल भी कहा जाता है.

Also Read: दरबार चट्टानी पर लगातार 12 साल की बैठक के बाद तैयार हुआ था संतालियों का संविधान

Posted By : Mithilesh Jha

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel